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अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यातायात सुरक्षा की पढ़ाई

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भविष्य में केवल खुद यातायात के नियमों का अनुपालन करेंगे, बल्कि अपने परिवार के बाकी सदस्यों को भी इन नियमों का पालन करने को प्रेरित करेंगे।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 10:25 AM (IST)
अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यातायात सुरक्षा की पढ़ाई
अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यातायात सुरक्षा की पढ़ाई

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं रोकने को सरकार संजीदा हो गई है। परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि ऐसा सरकार का मानना है कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी देकर काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भविष्य में केवल खुद यातायात के नियमों का अनुपालन करेंगे, बल्कि अपने परिवार के बाकी सदस्यों को भी इन नियमों का पालन करने को प्रेरित करेंगे।

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सड़क सुरक्षा पर दी जाने वाली शिक्षा से जुड़ी सामग्री को चौथी और पांचवीं कक्षाओं के लिए पर्यावरण अध्ययन विषय और छठी से आठवीें तक की कक्षाओं में सामाजिक और राजनीतिक जीवन विषयों की पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया गया है। कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए अंग्रेजी और हिंदी की पुस्तकों में सड़क सुरक्षा विषय को रखा गया है। प्रदेश सरकार अब 11वीं और 12वीं कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा से संबंधित सामग्री जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत प्रत्येक स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थान के वाहनों में जीपीएस और इंटरनेट प्रोटोकॉल कैमरों की स्थापना अनिवार्य कर दी गई है।

47 ट्रैफिक लाइटें और 1051 स्पीड ब्रेकर लगेंगे : परिवहन मंत्री के अनुसार प्रदेश में ट्रैफिक लाइटों की स्थापना के लिए 47 स्थानों की पहचान की गई है। जरूरत वाले 1051 में से 951 स्थानों पर स्पीड बे्रकर बनाए जा चुके हैं।

भिवानी, नूंह, पलवल और रेवाड़ी जिलों में आइडीटीआर : प्रदेश में कुशल और सक्षम चालक उपलब्ध करवाने और लर्निंग व स्थायी लाइसेंस प्रदान करने के लिए चार नए चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान
(आइडीटीआर) स्थापित किए जाएंगे। यह संस्थान जिला भिवानी के गांव कालूवास, नूंह के छपेड़ा, पलवल के बहीन और रेवाड़ी के गांव जयसिंहपुर खेड़ा में स्थापित किए जाएंगे। रोहतक, बहादुरगढ़ और कैथल में आधुनिक ड्राइविंग टै्रक व चालक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किए जा चुके हैं।

-सुरक्षा नियमों की जानकारी देकर हादसों में कमी लाना लक्ष्य
-चौथीकक्षा के लिए पर्यावरण अध्ययन विषय का बना हिस्सा

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