आरोप के हर शूल का जवाब मोदी सरकार अब त्रिशूल से देगी
संसद से सड़क तक आरोपों के शूल का जवाब मोदी सरकार विकास के 'त्रिशूल" से देगी। सरकार ने बुनियादी ढांचा, सामाजिक क्षेत्र और कृषि जैसे तीन क्षेत्रों की उपलब्धियों और कामों से विपक्ष के हर प्रहार का जवाब देने की रणनीति तैयार की है।
नई दिल्ली । संसद से सड़क तक आरोपों के शूल का जवाब मोदी सरकार विकास के 'त्रिशूल" से देगी। सरकार ने बुनियादी ढांचा, सामाजिक क्षेत्र और कृषि जैसे तीन क्षेत्रों की उपलब्धियों और कामों से विपक्ष के हर प्रहार का जवाब देने की रणनीति तैयार की है।
इस कड़ी में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक 17 फरवरी को प्रधानमंत्री आवास पर होगी। इस बैठक का विषय होगा सामाजिक क्षेत्र। इससे पहले पिछले माह हुई बैठक में केंद्र के सभी मंत्रियों के साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र को लेकर बैठक हुई थी।
केंद्र सरकार को महसूस हो रहा है कि पिछले 18 माह में उसने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। कामकाज की शैली बदलने के साथ-साथ गरीब, वंचित तबके के साथ-साथ किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए कई बड़े काम किए गए हैं। हालांकि उनमें तेजी लाने की जरूरत तो है ही, साथ में विरोधियों के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए भी विकास के इन तीन क्षेत्रों पर पूरी सरकार को एकजुट होकर जवाब देना होगा।
मंत्रियों के बीच बढ़े संवाद
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की उदासीनता और आपसी संवाद न होने से नाखुश हैं। पिछली बैठक में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से साफ तौर पर कहा भी कि मंत्रालयों के बीच में संवाद ज्यादा होना चाहिए। मसलन यूरिया सिर्फ केमिकल एंड फर्टिलाइजर के बीच ही मामला नहीं है। मोदी ने साफ कहा कि जिस तरह से सरकार ने किसानों को खाद मुहैया कराने में सफलता प्राप्त की, इसे सबको बताया जाना चाहिए।
कितनी बड़ी चोरी रुकी है और पहली बार ऐसा है कि किसी राज्य सरकार को केंद्र को यूरिया की जरूरत के लिए लिखना नहीं पड़ा। यह किसानों से जुड़ा मसला है तो कृषि मंत्रालय भी इससे जुड़ा हुआ है। इसी तरह किसानों से जुड़ा मसला बिजली और पानी का भी है। ऐसे ही चाहे सामाजिक क्षेत्र हो या बुनियादी ढांचे का मामला, सभी मंत्रियों को आपस में संवाद बढ़ाकर एक दूसरे को तथ्यों से समृद्ध करना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ताओं से भी निराश
दरअसल, भाजपा के प्रवक्ताओं के प्रदर्शन से सरकार का शीर्ष नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। इसीलिए सरकार के मंत्रियों से मीडिया से ज्यादा से ज्यादा बात करने को कहा गया है। मोदी सरकार चाहती है कि हर मंत्री अपने क्षेत्र के बारे में प्रवक्ताओं, कार्यकर्ताओं से लेकर मीडिया तक से संवाद स्थापित करे।
केंद्र का मानना है कि विपक्ष के नकारात्मक प्रचार के शिकंजे में आने के बजाय सरकार के कामकाज का एजेंडा आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसी कड़ी में 22 जनवरी को मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई गई थी। केंद्र के सभी मंत्रियों के साथ माह के हर तीसरे बुधवार को बैठने की योजना तय हुई थी, उसी क्रम में अब 17 फरवरी को बैठक होगी।