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यूरिया उत्पादन में आत्मननिर्भर होगा देश

फर्टिलाइजर मंत्री अनंत कुमार ने पत्रकारों से कहा कि यूरिया की बंद पड़ी इन इकाइयों के चालू हो जाने से 75 लाख टन यूरिया का ज्यादा उत्पादन होने लगेगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 03:32 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 05:44 AM (IST)
यूरिया उत्पादन में आत्मननिर्भर होगा देश
यूरिया उत्पादन में आत्मननिर्भर होगा देश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि पैदावार बढ़ाने और फर्टिलाइजर के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार देश के बंद पड़े यूरिया संयंत्रों का पुनरोद्धार करेगी। इस पर कुल 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसे कोयला, ऊर्जा और तेल कंपनियां वहन करेंगी। इससे देश यूरिया के आयातक होने की जगह निर्यातक हो जायेगा। गोरखपुर, बरौनी, सिंद्री व तलचर के संयंत्रों को चालू करने की योजना सिरे चढ़ने लगी है। इन संयंत्रों में पूरी क्षमता से उत्पादन 2020-21 में चालू हो जाने का अनुमान है।

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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, झारखंड के सिंद्री, उड़ीसा के तलचर और बिहार के बरौनी के बंद पड़े यूरिया संयंत्रों को गैस की आपूर्ति करने के लिए गैस लाइन बिछाने में कुल 13 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इस गैस पाइप लाइन के बिछा देने से पूर्वी क्षेत्र बाकी देश से जुड़ जायेगा। उड़ीसा के धामरा में प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के भंडारण के लिए एक टर्मिनल स्थापित करने पर छह से आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा, जो आयातित एलएनजी के लिए रहेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि इस टर्मिनल पर कुल 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा।

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फर्टिलाइजर मंत्री अनंत कुमार ने समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूरिया की बंद पड़ी इन इकाइयों के चालू हो जाने से देश में कुल 75 लाख टन यूरिया का अतिरिक्त उत्पादन होने लगेगा। देश में फिलहाल 245 लाख टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है, जबकि यूरिया की कुल घरेलू मांग 320 लाख टन है। बाकी जरूरत को आयात से पूरा किया जा रहा है। कुमार ने कहा कि यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता से देश में कृषि का विकास होगा। चार यूरिया इकाइयों के अलावा तेलंगाना की रामागुंडम इकाई को भी चालू करने की योजना है। इस संयंत्र के पुनरोद्धार की प्रक्रिया बहुत तेज है।

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फर्टिलाइजर मंत्री कुमार ने पुनरोद्धार समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि इसमें ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने हिस्सा लिया। बंद पड़ी इन यूरिया इकाइयों को 2020-21 में चालू कर दिया जायेगा, जबकि रामागुंडम इकाई में 2018 में उत्पादन चालू होने को तैयार है। इन इकाइयों के पुनरोद्धार में ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी, माइनर कोल इंडिया, आयल रिफाइनर इंडियन इंडियन आयल और गेल इंडिया प्रमुख रूप से निवेश करेंगी।


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