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अब अंबेडकर का सिक्का चलाएगी सरकार

सीतेश द्विवेदी, नई दिल्ली भारत रत्न भीमराव अंबेडकर पर केंद्र सरकार सिक्का जारी करने की तैयारी में जुटी है। बाबा साहेब की 125वीं जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला कर चुकी सरकार के इस कदम को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले को लेकर सामाजिक न्याय एवं

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 02:44 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 02:48 AM (IST)
अब अंबेडकर का सिक्का चलाएगी सरकार

सीतेश द्विवेदी, नई दिल्ली: भारत रत्न भीमराव अंबेडकर पर केंद्र सरकार सिक्का जारी करने की तैयारी में जुटी है। बाबा साहेब की 125वीं जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला कर चुकी सरकार के इस कदम को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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इस मामले को लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की सिफारिश मानी गई तो अंबेडकर भी उन नेताओं में शुमार होंगे जिनकी भारतीय मुद्रा पर तस्वीर होगी।

हालांकि, इस मामले पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को लेना है। केंद्रीय समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने जागरण को बताया कि इस मामले को लेकर उनके मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के पास सिफारिश भेज दी है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में फैसला हो जाएगा।


माना जा रहा है कि इस कदम से भाजपा सरकार अंबेडकर व दलित राजनीति को लेकर उसपर उठने वाले सवालों को एक वार में ही ध्वस्त करने की तैयारी में है। अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को सरकार समरसता दिवस के रूप में मनाने का घोषणा कर चुकी है। केंद्र अंबेडकर जयंती पर डाक टिकट भी जारी करने की तैयारी में है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कार्यक्रमों के लिए 19 सदस्यीय समिति गठित करने के साथ ही 197 करोड़ की लागत से जनपथ में अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र व अलीपुर में 99 करोड़ की लागत से उनका स्मारक बनाने को हरी झड़ी दे दी थी। इन प्रयासों के जरिए भाजपा दूसरे दलों द्वारा अपने ऊपर कुछ वर्ग विशेष की राजनीति करने के आरोपों से पार पाने की कोशिश में जुटी हुई है। गौरतलब है कि वर्तमान में भाजपा के पास पिछड़े वर्ग व दलित समुदाय से आने वाले सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा है।

विरासत बचाने उतरेगी कांग्रेस


वहीं, सरकार के मुकाबले में अंबेडकर जयंती को साल भर चलने वाले कार्यक्रमों के जरिए मनाने की घोषणा कर चुकी कांग्रेस अपनी पूरी ताकत लगाने की तैयारी में है। सरकार के मुकाबले में खड़े होने की रणनीति के तहत कांग्रेस शासित राज्यों से अंबेडकर को लेकर पार्टी के अभियान को बड़े पैमाने पर चलाने की हिदायत दी है।

लौह पुरुष बल्लभ भाई पटेल को लेकर सरकारी कार्यक्रमों के मुकाबले पीछे रह गई कांग्रेस अंबेडकर के मामले में कोई कसर छोडऩा नहीं चाहती है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद देश भर में अंबेडकर कार्यक्रमों में शिरकत करते नजर आएंगे।


पार्टी ने इन कार्यक्रमों को लेकर अयोजन समिति का गठन कर दिया है। देश में छुआ-छूत को लेकर कानून बनाने वाली कांग्रेस दलितों की स्थिति पर देशव्यापी चर्चा शुरू करने की तैयारी में है। दलित अधिकारों व उनकी राजनीतिक चेतना को अपनी राजनीति में बेहद महत्व देने वाले राहुल अंबेडकर जयंती के जरिए इसे वैचारिक लड़ाई में बदलने की तैयारी में हैं।

पार्टी अंबेडकर परिचर्चा के जरिए बाबा साहेब के विचारों और उनको लेकर हो रही राजनीति व समाज की स्थिति को लेकर दलित राजनीति करने वाले दलों को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है।


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