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अब भाजपा के सियासी शंखनाद का केंद्र गोरखपुर

गोरखपुर के मानबेला में 23 जनवरी को प्रस्तावित नरेन्द्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए मंच बनकर तैयार हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। यातायात सुचारु रखने की तैयारी कर ली गई है। रैली में भाग लेने के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह तीन दिन से डेरा डाले हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, प्रदेश प्रभारी अमि

By Edited By: Published: Wed, 22 Jan 2014 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2014 10:18 AM (IST)
अब भाजपा के सियासी शंखनाद का केंद्र गोरखपुर

लखनऊ। गोरखपुर के मानबेला में 23 जनवरी को प्रस्तावित नरेन्द्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए मंच बनकर तैयार हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। यातायात सुचारु रखने की तैयारी कर ली गई है। रैली में भाग लेने के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह तीन दिन से डेरा डाले हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, प्रदेश प्रभारी अमित शाह, संगठनमंत्री राकेश जैन एवं कलराज मिश्र सहित अनेक बड़े नेता बुधवार सुबह तक गोरखपुर के लिए निकल पड़े। ये नेता दिन भर शहर के विभिन्न स्थानों पर बैठकों में भाग लेंगे तथा तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे। संभव है कि रैली में पूवरंचल के मुद्दे को लेकर विचार-विमर्श का दौर भही चलेगा।

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चारों ओर रहेगा सुरक्षा घेरा

नरेंद्र मोदी की रैली की सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन की मांग पर शासन ने गैर जिलों से चार एसपी समेत बडी संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराया है। तय रणनीति के अनुसार रैलीस्थल के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनेगा। मंच और डी के इर्द-गिर्द एटीएस की विशेष निगरानी करेगी। मोदी के गोरखनाथ मंदिर में लगभग 45 मिनट रुकने के कार्यक्त्रम के मद्देनजर मंदिर परिसर में अलग से सुरक्षा इंतजाम किया गया है।

ऐसी रहेगी यातायात व्यवस्था

विजय शंखनाद रैली के मद्देनजर गुरुवार को महानगर एवं मानबेला से जुडे मागरें पर यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। पुलिस ने सुरक्षित यातायात के लिए वैकल्पिक रास्ते तय कर दिये हैं।

दर्द को आवाज की दरकार

नरेंद्र मोदी की गोरखपुर रैली के कारण एक बार फिर पूवरंचल की समस्याएं चर्चा के केंद्र में आ गई हैं। भाजपा की प्रदेश व स्थानीय इकाई ने मोदी के भाषण के लिए जो इनपुट भेजा है उसमें इंसेफेलाटिस से दम तोड़ते ब'चे, गन्ना उद्योग, खाद कारखाना की बंदी, विकास की चुनौतियों आदि का विवरण शामिल किया गया है। ये वे मुद्दे हैं जिनके लिए पूवरंचल में लंबे समय से लडाई लड़ी जा रही है लेकिन सरकारों ने इन्हें हल करने में रुचि नहीं ली। इसके अलावा मानबेला में गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत 300 एकड जमीन में गड़े किसानों के सपनों सहित कई मुद्दों को अब भी आवाज की दरकार है। मानबेला की इसी जमीन पर मोदी की रैली होने जा रही है। माना जा रहा है कि रैली के बहाने किसानों की दबी आवाज का नया स्वर मिलेगा।

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