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नकली IMEI नंबरों पर कसेगी नकेल, खोए सेल फोन को ट्रैक करना होगा आसान

मोबाइल फोन के ट्रैकिंग के एक मामले में डॉट के दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन व निगरानी (टीईआरएम) प्रकोष्ठ ने पाया कि लगभग 18,000 हैंडसेट में एक जैसे आइएमईआइ नंबर का उपयोग किया जा रहा है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 07:40 PM (IST)
नकली IMEI नंबरों पर कसेगी नकेल, खोए सेल फोन को ट्रैक करना होगा आसान
नकली IMEI नंबरों पर कसेगी नकेल, खोए सेल फोन को ट्रैक करना होगा आसान

नई दिल्ली, प्रेट्र : सरकार आइएमईआइ नंबर के साथ छेड़छाड़ के लिए कड़े नियम बना रही है। इन नियमों के तहत ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा। इसमें तीन साल तक की जेल होगी। इस कदम से गुम हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करना आसान हो जाएगा। साथ ही नकली आइएमईआइ नंबरों से जुड़े मामलों पर नकेल कसेगी।

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एक अधिकारी ने बताया कि डुप्लिकेट आइएमईआइ नंबरों के कारण मोबाइल फोनों को ट्रैक करना मुश्किल होता है। इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत दूरसंचार विभाग (डॉट) आइएमईआइ नंबरों के साथ छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बनाने के लिए नियमों पर काम कर रहा है।

डॉट ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को किसी भी नकली आइएमईआइ वाले मोबाइल फोन पर सेवा देने से रोक लगा रखी है। लेकिन ऑपरेटरों को डुप्लिकेट आइएमईआइ नंबर वाले हैंडसेट की पहचान करने में दिक्कत आ रही है। मोबाइल फोन के ट्रैकिंग के एक मामले में डॉट के दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन व निगरानी (टीईआरएम) प्रकोष्ठ ने पाया कि लगभग 18,000 हैंडसेट में एक जैसे आइएमईआइ नंबर का उपयोग किया जा रहा है। प्रस्तावित नियम इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की धारा 7 और धारा 25 के अनुसार बनाए जा रहे हैं।

क्या है आइएमईआइ

इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर (आइएमईआइ) मोबाइल उपकरणों की 15 अंकों की विशेष संख्या है। इस नंबर से सुरक्षा एजेंसियों को मोबाइल फोनों को टै्रक करने में मदद मिलती है। वे इसके जरिये उपकरणों से होने वाली कॉलों का भी पता लगा लेती हैं।

टेलीकॉम उत्पादों की टेस्टिंग अनिवार्य बनाने की योजना का विरोध

मोबाइल ऑपरेटरों के संगठन सीओएआइ ने टेलीकॉम उत्पादों की टेस्टिंग अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। उसका कहना है कि यह कदम कर्ज से दबे सेक्टर को बर्बाद कर देगा। इससे टेलीकॉम सेवाएं महंगी होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।

सीओएआइ ने टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर को एक पत्र लिखा है। इसी सेंटर ने टेलीकॉम गियर के टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव किया है। संगठन ने कहा कि इस प्रस्ताव को रद किया जाना चाहिए क्योंकि यह व्यापार के लिए तकनीकी बाधा के रूप में काम कर सकता है।

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