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अब मुर्दा भी कर रहे थाने में मुकदमा!

किसी भी पीड़ित जीवित इंसान द्वारा पुलिस स्टेशन अथवा कोर्ट में मुकदमा करना स्वभाविक बात है, लेकिन अगर कोई मुर्दा केस करे और इंसाफ के लिए बार-बार गुहार लगाए तो यह बात चौंकाने वाली जरूर होगी। ऐसा ही एक हैरत करने वाला मामला भोजपुर जिले में सामने आया है। जिसका खुलासा यहां की पुलिस ने सात माह के गहन अनुसंधान के बाद किया है।

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 10:12 AM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 10:12 AM (IST)
अब मुर्दा भी कर रहे थाने में मुकदमा!

आरा [दीपक]। किसी भी पीड़ित जीवित इंसान द्वारा पुलिस स्टेशन अथवा कोर्ट में मुकदमा करना स्वभाविक बात है, लेकिन अगर कोई मुर्दा केस करे और इंसाफ के लिए बार-बार गुहार लगाए तो यह बात चौंकाने वाली जरूर होगी। ऐसा ही एक हैरत करने वाला मामला भोजपुर जिले में सामने आया है। जिसका खुलासा यहां की पुलिस ने सात माह के गहन अनुसंधान के बाद किया है।

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पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि जांच के दौरान जो बातें सामने आयी हैं, उसके अनुसार जिस चन्द्रावती देवी नामक महिला के नाम पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था, उसकी मौत करीब 38 साल पहले ही हो चुकी है। उसके नाम पर उसकी सौतन मनोरमा देवी ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है।

क्या था पूरा मामला-

पुलिस के अनुसार, कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के सरैयां गांव निवासी राजेश्वर साह ने वर्ष 1970 में चन्द्रावती देवी नामक महिला से पहली शादी की थी। शादी के करीब पांच साल बाद उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी जिसका नाम मनोज साह है। इस दौरान वर्ष 1976 में बीमारी से चन्द्रावती देवी की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद राजेश्वर साह ने मनोरमा देवी नामक महिला से दूसरी शादी कर ली थी। उससे भी तीन लड़का और दो लड़की है। इधर जनवरी 2014 में मनोरमा देवी ने अपनी मृत सौतन चन्द्रावती देवी के नाम पर अपने पति राजेश्वर के अपहरण को लेकर तीन लोगों के विरुद्ध कोर्ट परिवाद पत्र दायर किया था। जिसके आधार पर पुलिस कांड संख्या 10/14 एवं धारा 364/120 (बी) के तहत अपहरण का मुकदमा दर्ज कर केस की तफ्तीश कर रही थी।

कैसे खुला राज-

दर्ज मुकदमा के आधार पर कृष्णगढ़ थाना प्रभारी सुशील कुमार ने जब पुलिस फाइल में अपहृत राजेश्वर साह को बरामद किया और पूछताछ शुरू की तो सारा राज धीरे-धीरे खुल गया। थाना प्रभारी ने बताया कि बरामद राजेश्वर साह [50] के अनुसार उसकी पहली पत्‍‌नी का नाम चन्द्रावती देवी था जो 38 साल पहले ही बीमारी से मर गई थी। उसकी दूसरी पत्नी मनोरमा देवी हैं, जो उसकी पहली पत्नी के पुत्र मनोज साह के साथ मिलकर संपत्ति के लिए उसे तरह-तरह ढंग से प्रताड़ित करती थी। जिसके चलते वह स्वयं अपनी जांच बचाकर यहां से भाग गया था। थाना प्रभारी के अनुसार बरामद राजेश्वर साह के बयान से न सिर्फ अपहरण के केस का पटाक्षेप हुआ हैं,बल्कि मृत महिला के नाम पर मुकदमा कर पुलिस को गुमराह किये जाने की बात भी सामने आई है। संपत्ति हड़पने के लिए दूसरी पत्नी ने पहली सौतन के नाम पर कई कागजात भी तैयार करा लिये है। जिसकी जांच-पड़ताल करायी जा जा रही है।

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