नायर से पूछताछ के बाद ही आएगा पीएम का नंबर
प्रधानमंत्री के सलाहकार टीकेए नायर से पूछताछ के बाद ही सीबीआइ मनमोहन सिंह से पूछताछ का फैसला करेगी। कोयला घोटाले के दौरान 2006 से 200
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। प्रधानमंत्री के सलाहकार टीकेए नायर से पूछताछ के बाद ही सीबीआइ मनमोहन सिंह से पूछताछ का फैसला करेगी। कोयला घोटाले के दौरान 2006 से 2009 के बीच नायर प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे। इस मामले में सीबीआइ पहले ही पीएमओ में तैनात विनी महाजन और आशीष गुप्ता से पूछताछ कर चुकी है। वहीं प्रधानमंत्री से पूछताछ की नोटिंग लिखने वाले जांच अधिकारी को सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने फटकार लगाई है और इसके मीडिया में लीक होने की जांच का आदेश दिया है।
सीबीआइ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आशीष गुप्ता और विनी महाजन ने पूछताछ में कहा कि कोयला ब्लाकों के आवंटन के मामलों को खुद टीकेए नायर देखा करते थे। जाहिर है नायर के बाद ही प्रधानमंत्री से पूछताछ हो सकती है। वैसे सीबीआइ में नायर से पूछताछ की कार्मिक मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने की भी चर्चा है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टीकेए नायर से एक गवाह के रूप में पूछताछ होनी है और इसके लिए कार्मिक मंत्रालय की अनुमति की जरूरत ही नहीं है। वैसे उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत और चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा के संवैधानिक पद पर आसीन होने के बाद भी पूछताछ की अनुमति मिली है। ये दोनों ऊर्जा सचिव रह चुके हैं। वहीं इस मामले में राज्य सरकारों के संबंधित मुख्य सचिवों व अन्य अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
इस बीच टीकेए नायर से पूछताछ के पहले प्रधानमंत्री से पूछताछ की जरूरत बताने वाले जांच अधिकारी केआर चौरसिया की मुसीबत बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ निदेशक ने इसके लिए चौरसिया को फटकार लगाई है। रंजीत सिन्हा का कहना था कि अभी तो घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें ही नहीं मिली हैं। इन फाइलों की पड़ताल किए बिना प्रधानमंत्री से पूछताछ कैसे की जा सकती है। खासतौर पर रंजीत सिन्हा अंदरूनी फाइलों की नोटिंग लीक होने को लेकर परेशान थे। नोटिंग लीक करने वाले अधिकारी की पहचान के लिए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
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