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ताज दीदार को न लगें लाइन में, अब लें ई-टिकट

यह ताज पर बड़े बदलाव का वक्त है। वर्ष 2014 जाते-जाते ताज को ई-टिकटिंग की सौगात दे गया। शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने वेबसाइट का उद्घाटन किया। अब सैलानी कहीं से भी ताज की ई-टिकट ले सकेंगे।

By Sachin kEdited By: Published: Fri, 26 Dec 2014 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 26 Dec 2014 07:48 PM (IST)
ताज दीदार को न लगें लाइन में, अब लें ई-टिकट

जागरण संवाददाता, आगरा। यह ताज पर बड़े बदलाव का वक्त है। वर्ष 2014 जाते-जाते ताज को ई-टिकटिंग की सौगात दे गया। शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने वेबसाइट का उद्घाटन किया। अब सैलानी कहीं से भी ताज की ई-टिकट ले सकेंगे। वहीं, ताज पूर्वी द्वार के नजदीक स्थित शिल्पग्राम से भी ई-टिकट खरीदी जा सकेगी।

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विश्वदाय स्मारक ताजमहल का दीदार करने रोजाना औसतन 15 हजार देसी व दो हजार विदेशी सैलानी आते हैं, जिन्हें टिकट के लिए घंटों लाइन में जूझना पड़ता है। सैलानियों को इसी परेशानी से बचाने के लिए लंबे समय से ई-टिकट लागू करने की मांग पर्यटन संस्थाएं कर रही थीं। इसे देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) के सहयोग से ताज पर ई-टिकट शुरू की है।

शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा उद्घाटन करने के साथ ही वेबसाइट ने काम करना शुरू कर दिया। अब पर्यटक विश्व के किसी भी कोने से ताज की टिकट ले सकेंगे। टिकट बुक करने के बाद उन्हें उसका प्रिंट आउट निकालना होगा, जिस पर बार कोड व क्यूआर कोड अंकित होंगे।

ताज के प्रवेश द्वार पर लगे स्कैनर टिकट को स्कैन करेंगे, जिसके बाद पर्यटक को स्मारक में प्रवेश मिलेगा। आइआरसीटीसी और एएसआइ द्वारा शुरुआत में शिल्पग्राम में ई-टिकट का काउंटर बनाया गया है। यहां से पर्यटक ई-टिकट खरीद सकेंगे। आइआरसीटीसी की टीम ने शुक्रवार को यहां सर्वर के साथ लैपटॉप लगा दिए। शनिवार सुबह टिकट विंडो खुलने के साथ यहां ई-टिकट की बिक्री शुरू हो जाएगी।

अभी रहेगी एक माह तक व्यवस्थाः

ताज पर एक माह के लिए ई-टिकट का ट्रायल किया जा रहा है। लिहाजा, वेबसाइट पर भी 26 जनवरी तक का ही समय टिकट बुक कराने के लिए शो हो रहा है। 27 जनवरी व उसके बाद की टिकट अभी पर्यटक बुक नहीं करा सकते हैं। उम्मीद है कि एक माह की मियाद बीतने से पहले ही इस व्यवस्था को स्थाई कर दिया जाएगा।

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