अब चांद पर चहलकदमी की है ख्वाहिश
दो बार अंतरिक्ष की सैर और वहां सबसे लंबा समय बिताने का रिकॉर्ड बनाने वाली भारत मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम अब चांद पर चहलकदमी करना चाहती हैं। अपनी भारत यात्रा के अंतिम दिन मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र में सुनीता ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के कई पहलुओं पर पत्रकारों से खुलकर बात की। अमेरिकी
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। दो बार अंतरिक्ष की सैर और वहां सबसे लंबा समय बिताने का रिकॉर्ड बनाने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम अब चांद पर चहलकदमी करना चाहती हैं। अपनी भारत यात्रा के अंतिम दिन मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र में सुनीता ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के कई पहलुओं पर पत्रकारों से खुलकर बात की।
अमेरिकी नौसेना में हेलीकॉप्टर पायलट सुनीता विलियम्स अभी एक बार और अंतरिक्ष की सैर करना चाहती हैं। इसके अलावा मौका लगे तो चांद और मंगल पर भी जाने का हौसला रखती हैं। ये यात्राएं आसान नहीं होतीं। धरती से 400 किलोमीटर दूर उनका अंतरिक्ष यान 17,500 मील प्रति घंटा की रफ्तार से पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाता है। 24 घंटे में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त का नजारा देखना पड़ता है। ऐसे में दिन और रात सिर्फ घड़ी की सुई बता सकती है। ग्रीनविच मीन टाइम के अनुसार सुबह 6:00 बजे उठना और रात 10:00 बजे सो जाना। इस बीच सारा दिन रोबोट को नियंत्रित करना, जरूरत पड़े तो अंतरिक्ष में चहलकदमी करना, तमाम तरह के वैज्ञानिक शोध करना एवं कंट्रोल रूम से मिलने वाले सभी निर्देशों का पालन करना पड़ता है।
लेकिन दो बार की यात्राओं में अब तक 322 दिन अंतरिक्ष में गुजार चुकीं सुनीता यान में तकनीकी कामों के अलावा भी बहुत कुछ करती हैं। वहां की दिनचर्या भी करीब-करीब धरती जैसी ही होती है। मसलन शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए रोज दो घंटे का शारीरिक व्यायाम जरूरी है। व्यायाम में ट्रेडमिल पर दौड़ लगाना, साइकिलिंग, वेटलिफ्टिंग सब कुछ शामिल होता है। शनिवार को अंतरिक्ष यान की सफाई का दिन होता है और रविवार को पूरी छुंट्टी। खाली समय में किताबें पढ़ना, पहले से रिकॉर्ड किए गए टेलीविजन शो देखना और घर-परिवार के लोगों से बातें करना। अमेरिकी, रूसी और जापानी भोजन उपलब्ध होता है, और सोने के लिए स्लीपिंग बैग। सभी अंतरिक्ष यात्रियों को एक टॉयलेट किट दी जाती है।
क्या पर्यटक के रूप में सामान्य लोग भी अंतरिक्ष में जा सकते हैं? इसका जवाब देते हुए सुनीता कहती हैं कि यह एक अच्छा विचार है। लोगों के लिए अंतरिक्ष से अपनी धरती एवं अन्य ग्रहों को देखना वाकई रोमांचक होगा। सुनीता के अनुसार वह चाहती हैं कि लोग अंतरिक्ष यात्रा करें। लेकिन इसके लिए सुरक्षित और सस्ते माध्यम तैयार करने की जरूरत है। सुनीता विलियम्स ने मुंबई में अपने डेढ़ दिन के दौरे में तमाम स्कूली छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।
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