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Type-1 Diabetes मरीज दें ध्‍यान, इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है Covid-19

डायबिटीज के शिकार मरीजों के लिए कोरोना संक्रमण का होना खतरे की घंटी है। कुछ मामलों में कोरोना संक्रमित होने के बाद लोग डायबिटीज के शिकार हुए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 10:49 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 11:09 AM (IST)
Type-1 Diabetes मरीज दें ध्‍यान, इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है Covid-19
Type-1 Diabetes मरीज दें ध्‍यान, इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है Covid-19

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस लोगों को बीमार कर सकता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है, लेकिन यह दूसरी बीमारियों को भी पैदा कर सकता है। जी हां, हाल ही में आए कुछ मामलों में कोरोना वायरस के कारण लोग डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। ऊतकों के अध्ययन और कोविड-19 मामलों से जुड़े तथ्यों से यह पता चली है कि कोरोना वायरस इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। टाइप-1 डायबिटीज से ग्रस्त लोग इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर सकते हैं। टाइप-1 डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों में शरीर की इम्यून कोशिकाएं पैनक्रियाज में इंसुलिन हार्मोन बनाने वाली बीटा-कोशिकाओं को अचानक नष्ट करना शुरू कर देती हैं।

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कोविड-19 में डायनामाइट है डायबिटीज

डायबिटीज को पहले से ही कोविड-19 के जोखिम कारक के रूप में माना जाता है और इस स्थिति में यह कई बार जानलेवा तक साबित होता है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित मोनाश विश्वविद्यालय में मेटाबॉलिक डिजीज का अध्ययन करने वाले पॉल जिमेट कहते हैं, ‘यदि आपको कोविड-19 है तो आपके लिए डायबिटीज डायनामाइट है।’ वे कहते हैं कि डायबिटीज लोगों को कोरोना वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील ही नहीं बनाता है, बल्कि यह भी हो सकता है कि यह वायरस मधुमेह को भी बढ़ा दे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तरह ही डायबिटीज भी महामारी है। दो महामारियों का टकराव हो सकता है। 

स्थितियों को गंभीर बना सकता है वायरस

ऑर्गेनाइड्स अध्ययन बताते हैं कि सार्स-सीओवी-2 डायबिटीज का कारण हो सकता है या फिर इसे बुरी तरह से बिगाड़ सकता है। सिडनी में गारवन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के इम्यूनोलॉजिस्ट शेन ग्रे कहते हैं कि वायरस एक अत्यधिक भड़काऊ स्थिति को तेज कर सकता है। यह हार्मोन की पहचान के लिए पैनक्रियाज की क्षमता को बिगाड़ कर ग्लूकोज और इंसुलिन जारी कर सकता है और लीवर और मांसपेशियों की क्षमता को कम कर सकता है। जिसके कारण डायबिटीज शुरू हो सकता है। वहीं एक वैज्ञानिक के मुताबिक, गंभीर संक्रमण के कारण होने वाली थकान और मांसपेशियों की हानि भी लोगों को जोखिम में धकेल सकती हैं। केवल लंबी अवधि के अध्ययन से पता चल सकता है कि वास्तव में क्या हो रहा है।

अध्ययन के लिए बनाया डायबिटीज डाटाबेस

वैज्ञानिकों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने नई पहल करते हुए कोविड-19 और उच्च रक्त शर्करा के स्तर वाले लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए वैश्विक डाटाबेस की स्थापना की है, जिनका मधुमेह या रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाली समस्याओं का इतिहास नहीं रहा है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि विभिन्न मामलों के अध्ययन से यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या सार्स-सीओवी-2 टाइप-1 डायबिटीज अथवा डायबिटीज के नए प्रकार को उभारने का काम करता है। साथ ही वे इस बात की भी जांच करना चाहते हैं कि कोविड-19 से संक्रमित होने वालों में अचानक होने वाले डायबिटीज का हमला स्थायी होता है या नहीं। वे ये भी पता लगाएंगे कि जिनमें टाइप-2 डायबिटीज विकसित होने की राह पर है क्या इसे वायरस बढ़ा सकता है।

अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है कोविड-19 

पैनक्रियाज ऑर्गेनाइड्स बताता है कि सार्स-सीओवी-2 कैसे अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। न्यूयॉर्क के वेल कॉर्नेल मेडिसिन के स्टेम सेल बायोलॉजिस्ट शुइबिंग चेन ने बताया है कि वायरस ऑर्गेनाइड्स की अल्फा और बीटा कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। इनमें से कुछ मर भी जाती हैं। बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन करती हैं, वहीं अल्फा कोशिकाएं ग्लूकागॉन हार्मोन का उत्पादन करती हैं, जो कि ब्लड शुगर बढ़ाती हैं। सेल स्टेम सेल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, वायरस प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिन्हेंं चैमोकिंस और कीटोकिंस के नाम से जाना जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है और कोशिकाओं को मार सकता है। 

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