Move to Jagran APP

नोटबंदी मुद्दा अब आरबीआइ के हवाले

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वयं इस बात के संकेत दिए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 04 Jan 2017 09:11 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jan 2017 09:17 PM (IST)
नोटबंदी मुद्दा अब आरबीआइ के हवाले

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी के 55 दिन खत्म होने के बाद क्या सरकार ने अब इससे जुड़े कायदे कानून बनाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से आरबीआइ पर छोड़ दी है? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वयं इस बात के संकेत दिए।

loksabha election banner

जेटली से जब यह पूछा गया कि बैंकों से नकदी निकासी पर लगी रोक कब हटाई जाएगी तो उनका जवाब था कि बाजार की स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक स्वयं ही यह कदम उठाएगा। इसी तरह से जब आरबीआइ की तरफ से 30 जनवरी के बाद सिर्फ प्रवासी भारतीयों को पुराने नोट बदलने की छूट देने संबंधी नियम को ले कर भी उन्होंने कोई भी हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।

08 नवंबर, 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 30 दिसंबर, 2016 को नोट बदलने की अवधि समाप्त होने के बाद भी जनता भारतीय रिजर्व बैंक में पुराने प्रतिबंधित नोट जमा करा सकेंगे। लेकिन 31 दिसंबर, 2016 को जब केंद्रीय बैंक ने इस बारे में नियम जारी किये तो इसमें सिर्फ प्रवासी भारतीयों या नोटबंदी लागू होने के समय विदेश गये भारतीयों के पुराने नोट बदलने की बात थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के दिल्ल कार्यालय में अभी भी जनता पुराने नोट ले कर पहुंच रही है लेकिन वहां उन्हें बताया जा रहा है कि उनके नोट नहीं बदले जाएंगे। जेटली से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि, ''हर व्यक्ति को पुराने नोट बदलने का काफी वक्त दिया गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने बदल भी दिये हैं। कुछ ही लोग बचे हुए हैं। वजहें जो भी है आरबीआइ अपने हिसाब से नियम तय करता है और मैं उसका आदर करता हूं।''

नोटबंदी का विरोध करने वाले राजनीतिक दल और अर्थविद लगातार यह कह रहे हैं कि नोटबंदी के बाद से आरबीआइ की स्वायत्ता के साथ समझौता किया गया है। खास तौर पर जिस तरह से केंद्रीय बैंक एक के बाद एक नियम बनाता रहा और उसमें बदलाव करता रहा उसकी भी काफी आलोचना की गई है। कई बार तो वित्त मंत्रालय के स्तर पर भी आरबीआइ के तरफ से बनाये गये नियमों का विरोध किया गया। वित्त मंत्रालय के बयान के बाद दो बार आरबीआइ को नोटबंदी से जुड़े अपने नियम भी बदलने पड़े।

केंद्र और विपक्षी दल अब आम बजट को लेकर आ सकते हैं आमने-सामने

सपाई कुनबे में झगड़ा, जानिए- तीन देवियों की भूमिका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.