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उत्‍तर कोरिया फिर कर सकता हाइड्रोजन बम परीक्षण, ट्रंप को बताया 'पागल'

ट्रंप ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में उत्‍तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर मिसाइल परीक्षण ऐसे ही जारी रहा तो अमेरिका पूरे देश को तबाह कर देगा।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 10:12 AM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 02:39 PM (IST)
उत्‍तर कोरिया फिर कर सकता हाइड्रोजन बम परीक्षण, ट्रंप को बताया 'पागल'
उत्‍तर कोरिया फिर कर सकता हाइड्रोजन बम परीक्षण, ट्रंप को बताया 'पागल'

सियोल, रायटर्स । उत्तर कोरिया ने अब प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की धमकी दी है। तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को विक्षिप्त बताते हुए कहा कि उन्हें अपनी धमकियों की बड़ी कीमत चुकानी होगी। उत्तर कोरिया की ओर से ट्रंप पर लगातार दूसरा हमला है।

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गुरुवार को वहां के विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क में ट्रंप के उत्तर कोरिया संबंधी बयानों की तुलना कुत्ते के भौंकने से की थी। शुक्रवार को किम जोंग ने यह नहीं बताया कि अमेरिका और ट्रंप के खिलाफ उनकी क्या कार्रवाई होगी। ट्रंप के हाल के हफ्तों में किम जोंग पर आए कई बयानों के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह की अमेरिकी राष्ट्रपति पर यह पहली सीधी प्रतिक्रिया थी।

ट्रंप अपने बयानों में किम जोंग को 'रॉकेट मैन' कहते हैं और उन्हें दुनिया के लिए खतरा बताते हैं। ट्रंप ने उत्तर कोरिया को पूरी तरह से नष्ट करने की चेतावनी भी दी है। प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम के परीक्षण की धमकी उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो ने न्यूयॉर्क में दी है। वह वहां पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए गए हुए हैं। दुनिया में परमाणु हमला झेल चुके एकमात्र देश जापान ने इस धमकी को अस्वीकार्य कहा है। जापान को उत्तर कोरिया अपना दुश्मन भी मानता है।

सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए पर जारी बयान में किम जोंग ने कहा कि अमेरिका के किसी भी दुस्साहस पर उत्तर कोरिया उसके खिलाफ इतिहास की सबसे कठोर जवाबी कार्रवाई को दिमाग में रखे हुए है। ट्रंप की टिप्पणियों ने जता दिया है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। विक्षिप्त ट्रंप आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं।

एक अलग मामले में केसीएनए ने चीन के सरकारी मीडिया की उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की निंदा पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कहा है कि इस तरह की निंदा से दोनों देशों के संबंधों को नुकसान हो सकता है। केसीएनए ने इसे दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है। केसीएनए ने बीजिंग को वाशिंगटन से दूर रहने की भी सलाह दी है। उल्लेखनीय है कि चीन उत्तर कोरिया का अकेला सबसे बड़ा सहयोगी देश है।

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