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'गंगा में पानी नहीं, कुछ धब्बे ही दिखते हैं'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गंगा नदी की हालत पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा गंगा की हालत खराब है। नदी सूखने की कगार पर है। कई जगह पानी नहीं दिखाई देता सिर्फ धब्बे दिखते हैं।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 08:55 PM (IST)
'गंगा में पानी नहीं, कुछ धब्बे ही दिखते हैं'

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गंगा नदी की हालत पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा गंगा की हालत खराब है। नदी सूखने की कगार पर है। कई जगह पानी नहीं दिखाई देता सिर्फ धब्बे दिखते हैं। कोर्ट ने गंगा की दयनीय हालत पर ये टिप्पणियां उस समय कीं जब कोर्ट को बताया गया कि पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर गंगा और अन्य नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है।

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मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर आगे मंगलवार को सुनवाई तय करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वह कल तक बताए कि एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित पनबिजली परियोजनाओं के मामले की क्या स्थिति है। दरअसल, पर्यावरण के जानकार भरत झुनझुनवाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि सरकार पर्यावरण आकलन किए बगैर बेतरतीबी से नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी देती जा रही है। याचिका में कोर्ट से नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं की मंजूरी के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग की गई है। यह याचिका 2009 से लंबित है। याचिका में प्रतिपक्षी बनाई गई सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी अथॉरिटी ने कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा था कि पनबिजली परियोजनाओं के पर्यावरण आकलन का काम उसका नहीं है, ये काम पर्यावरण मंत्रालय का है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान झुनझुनवाला के वकील पीएस शारदा ने जब पनबिजली परियोजनाओं के बारे में दिशानिर्देश तय करने की मांग की तो पीठ ने कहा कि ये काम कोर्ट का नहीं है। क्योंकि भविष्य में क्या होगा हम नहीं कह सकते। पीठ ने कहा कि वह अपनी बात सरकार के समक्ष रखें। सरकार ही इस बारे में दिशानिर्देश तय कर सकती है। जब याचिकाकर्ता ने कहा कि गंगा नदी पर भी पनबिजली परियोजनाएं बन रही हैं तो मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए उक्त टिप्पणी की।

कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से पूछा कि पनबिजली परियोजनाओं के बारे में जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष लंबित मामले की स्थिति क्या है। सिंह ने कहा कि उन्हें उस केस की स्थिति अभी फिलहाल मालूम नहीं है। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक टाल दी और सिंह से कहा कि वह कल बताएं कि उस मामले में क्या हो रहा है।

मालूम हो कि उत्तराखंड में आई जलप्रलय के बाद कोर्ट ने उत्तराखंड में अलकनंदा और भागीरथी पर प्रस्तावित 24 पनबिजली परियोजनाओं पर रोक लगा दी थी। इनमें से छह परियोजनाएं सरकारी हैं। इस मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ में चल रही है। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार से छह सरकारी परियोजनाओं के बारे में राय पूछी थी। सरकार ने हाल में दाखिल किए गए अपने हलफनामें में कुछ शर्तो के साथ छह में से तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।


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