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संसद में भी उठा जासूसी का जिन्न

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर में कथित जासूस पर राजग सरकार के इन्कार को दरकिनार कर विपक्ष इसे तूल देने में जुट गया है। गुरुवार को विपक्ष ने जासूसी मामले के इस जिन्न को संसद में भी खड़ा कर दिया। मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के रूपष्टीकरण और खुद नितिन गडकरी की ओर से मीडिया में आई खबरों को खारिज किए जाने के बावजूद संसद के दोनों सदनों में विपक्ष कार्यवाही बाधित करता रहा।

By Edited By: Published: Thu, 31 Jul 2014 02:18 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 10:39 PM (IST)
संसद में भी उठा जासूसी का जिन्न

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर में कथित जासूस पर राजग सरकार के इन्कार को दरकिनार कर विपक्ष इसे तूल देने में जुट गया है। गुरुवार को विपक्ष ने जासूसी मामले के इस जिन्न को संसद में भी खड़ा कर दिया। मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के रूपष्टीकरण और खुद नितिन गडकरी की ओर से मीडिया में आई खबरों को खारिज किए जाने के बावजूद संसद के दोनों सदनों में विपक्ष कार्यवाही बाधित करता रहा। विपक्षी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। यही नहीं, कांग्रेस इस मुद्दे को गुरुवार को भी संसद में उठाएगी।

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विपक्ष की ओर से उठे बवाल के बाद लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह खबर बेबुनियाद और तथ्यहीन है। इसलिए जांच का प्रश्न ही नहीं है। गडकरी जी भी इसे गलत ठहरा चुके हैं। इसलिए मामले को गंभीरता से लेने का औचित्य ही नहीं है।' हालांकि, गृह मंत्री के इस स्पष्टीकरण के बावजूद सदन में हंगामा नहीं थमा। राज्यसभा में इस मामले पर बहस कराने व जांच की मांग को लेकर अड़े विपक्ष ने कार्यवाही को बाधित किया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव में करारी शिकस्त खा चुकी कांग्रेस मुद्दों के अभाव में निराधार मामले उठा रही है।

प्रसाद का कहना था कि न केवल गृह मंत्री और नितिन गडकरी इस मामले को खारिज कर चुके हैं, बल्कि अभी तक इसकी कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई गई है। लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्किकार्जुन खड़गे ने गुजरात में बड़े पैमाने पर हुई फोन टैपिंग का दावा करते हुए सरकार से मामले में सफाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में तकरीबन 29 हजार लोगों के फोन टेप किए गए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आकर इस मामले पर देश को भरोसे में लेना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि कितने मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों की जासूसी की जा रही थी।

कांग्रेस नेता पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यसभा में तत्कालीन नेता विपक्ष अरुण जेटली के फोन कॉल डीटेल को लेकर हुए हंगामे का हवाला दे रहे थे। सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्रियों की जासूसी एक गंभीर मामला है। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस मुद्दे को गुरुवार को भी संसद में उठाया जाएगा। इस मामले पर संसद में बहस होनी ही चाहिए। उन्होंने शक जताया कि कोई आंतरिक सुरक्षा एजेंसी बगिंग कर रही है।

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