नंबर प्लेट पर पद-संस्था का नाम लिखा तो चालान तय
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात हाईकोर्ट ने सरकारी और निजी वाहनों से लाल-पीली बत्तियां उतरवाने के बाद अब वाहनों के नंबर प्लेट पर पद और संस्था का नाम लिख कर घूमने वालों पर नजरें टेढ़ी की हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह रौब गांठने वालों पर तत्काल कार्रवाई करे तथा जनता की शिकायत दर्ज करने के लिए
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात हाईकोर्ट ने सरकारी और निजी वाहनों से लाल-पीली बत्तियां उतरवाने के बाद अब वाहनों के नंबर प्लेट पर पद और संस्था का नाम लिख कर घूमने वालों पर नजरें टेढ़ी की हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह रौब गांठने वालों पर तत्काल कार्रवाई करे तथा जनता की शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन शुरू करे। यातायात पुलिस ने आदेश पर अमल करते हुए कोर्ट परिसर में ही चालान काटने शुरू कर दिए। वकीलों के विरोध में शहर की सड़कों पर भी दंड वसूली का अभियान चलाया।
न्यायाधीश एमआर शाह और केजे ठाकर ने जूनागढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता किरीट संघवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिनों-दिन बढ़ते वीआइपी कल्चर पर नाराजगी जताई। पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह नंबर प्लेट पर पद और संस्था का नाम लिखकर घूमने वालों पर तत्काल कार्रवाई करें।
किरीट संघवी ने अपनी याचिका में कहा था कि हाईकोर्ट ने 23 अगस्त 2013 को सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत आदेश दिया था कि संवैधानिक पदों पर नियुक्त लोगों के अलावा अन्य किसी को वाहन पर लालबत्ती लगाकर चलने का अधिकार नहीं है, लेकिन बड़ी संख्या में नेता, सरकारी अफसर व गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी बत्ती लगे वाहनों से घूम रहे हैं। कई की तो नंबर प्लेट पर पद और संस्था का नाम भी लिखा मिलता है। ऐसा करना अदालत की अवमानना है।