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कैबिनेट का फैसला, डिफेंस पीएसयू को मिली साझेदार चुनने की आजादी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिफेंस पीएसयू के संयुक्त उद्यम स्थापित करने संबंधी पिछली सरकार की नीति रद्द कर दिया है।

By kishor joshiEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 11:20 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 02:16 AM (IST)
कैबिनेट का फैसला, डिफेंस पीएसयू को मिली साझेदार चुनने की आजादी

नई दिल्ली (जेएनएन)। रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों को सरकार ने संयुक्त उपक्रम (पीएसयू) स्थापित करने के लिए ज्यादा आजादी देने का फैसला किया है। जिस तरह से डिफेंस क्षेत्र की देशी निजी कंपनियां अपना संयुक्त उद्यम साझेदार खोजती हैं उसी तर्ज पर सरकारी रक्षा कंपनियां (डीपीएसयू) भी नए साझेदारों के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित कर सकती हैं।

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इस फैसले से रक्षा क्षेत्र के देश के सभी नौ पीएसयू को जहां फायदा होगा वही रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की कोशिशों को भी मदद मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में यह फैसला किया गया कि डीपीएसयू के संयुक्त उद्यम स्थापित करने संबंधी पूर्व यूपीए सरकार की तरफ से बनाये गये दिशानिर्देश को रद्द कर दिया गया है।

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सरकारी सूत्रों के मुताबिक डीपीएसयू के लिए अलग दिशानिर्देश के रद्द होने के साथ ही यह साफ हो गया है कि अब जो दिशानिर्देश सरकारी उपक्रमों के लिए भी अब अलग से कोई नियम नहीं होंगे। साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि समय समय पर लोक उपक्रम मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की तरफ से संयुक्त उपक्रम के लिए जो दिशानिर्देश सरकारी उपक्रमों के लिए लागू किये जाएंगे वे रक्षा सरकारी कंपनियों पर भी लागू होंगे।

यह कदम देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अहम साबित होगा। सरकार की तरफ से हाल के दिनों में रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जो कदम उठाये गये हैं आज का लिया गया फैसला उसी को आगे बढ़ाएगा। साथ ही इससे मेक इन इंडिया कार्यक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा।

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देश में अभी रक्षा क्षेत्र के नौ पीएसयू हैं। इनके नाम मजगांव डॉक लिमिटेड, गोवा शिपर्याड लिमिटेड, गार्डेन ररीच शिप ब्लिडर्स एंड इंजीनियर्स, हिंदुस्तान शिपयार्ड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान ऐरोनॉट्कि्स, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, भारत डायनिमिक्स व मिश्र धातु निगम लिमिटेड हैं।


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