आरएसएस पर हमलावर राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
अदालत ने राहुल के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मानहानि के मुकदमे को रद्द करने से इनकार कर दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर लगातार तीखी टिप्पणी करते रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अब सतर्क और सचेत रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस को साथ साथ खड़ा करने के बयान के लिए यदि राहुल माफी नहीं मांगते हैं तो फिर उन्हें निचली अदालत में मानहानि के मुकदमे का सामना करना चाहिए।
अदालत ने राहुल के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे मानहानि के मुकदमे को रद्द करने से इनकार कर दिया। वहीं कांग्रेस ने सर्वोच्च अदालत की नसीहत के बाद भी साफ कहा है कि राहुल गांधी आरएसएस के बारे में दिए गए अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे बल्कि कोर्ट में वे ऐतिहासिक तथ्य रखेंगे।सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आरएफ नारीमन की बेंच ने मंगलवार को राहुल गांधी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष को यह राय दी। गौरतलब है कि आरएसएस के खिलाफ राहुल के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र के भिवंडी में संघ के एक कार्यकर्ता राजेश महादेव कुंटे ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।
राहुल इस मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इस मामले में सर्वोच्च अदालत में राहुल की पैरवी कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे हैं। मगर मंगलवार की सुनवाई के दौरान सिब्बल मौजूद नहीं थे और उनके जूनियर ने मामले की सुनवाई लंबे समय तक टालने का अनुरोध किया। पर अदालत ने इसे अस्वीकार करते हुए 27 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी। सर्वोच्च अदालत ने पहले की सुनवाई के दौरान भी राहुल के वकीलों को खेद जताकर मामले का समाधान निकालने की सलाह दी थी। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष के पैरोकारों ने यह कहते हुए खेद जताने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने तथ्यों के आधार पर आरएसएस को लेकर अपना बयान दिया है। राहुल के ट्रायल कोर्ट का सामना करने की टिप्पणी पर तो कांग्रेस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
लेकिन यह बात दुहराई की राहुल माफी नहीं मांगेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगोई ने इस बारे में पूछे गए सवालों पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा। मगर राहुल गांधी इस बात के लिए तैयार हैं कि वे आरएसएस को लेकर की गई अपनी टिप्पणी के संबंध में अदालत के सामने ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों को रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद पार्टी के वकील नेताओं के बीच आज शुरूआती विचार-विमर्श का दौर भी चला। ताकि अगली सुनवाई से लेकर निचली अदालत में मामले की अब पुख्ता पैरवी कर राहुल के बयान को कानून की चौखट पर धराशायी होने से बचाया जा सके। इस मशविरे के बाद ही कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राहुल आरएसएस से माफी नहीं मांगेंगे।
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