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त्रिपुरा के विभाजन का प्रश्न ही नहीं उठता : माणिक सरकार

त्रिपुरा की वामपंथी सरकार किसी भी सूरत में इस पूर्वोत्तर राज्य का विभाजन मंजूर नहीं करेगी। सूबे के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सोमवार को यह दावा करते हुए कहा, 'हम पूरी ताकत से ऐसे किसी भी पहल या कदम का विरोध करेंगे।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jan 2015 08:06 PM (IST)
त्रिपुरा के विभाजन का प्रश्न ही नहीं उठता : माणिक सरकार

अगरतला। त्रिपुरा की वामपंथी सरकार किसी भी सूरत में इस पूर्वोत्तर राज्य का विभाजन मंजूर नहीं करेगी। सूबे के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सोमवार को यह दावा करते हुए कहा, 'हम पूरी ताकत से ऐसे किसी भी पहल या कदम का विरोध करेंगे।'

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गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने राजधानी त्रिपुरा में असम राइफल्स मैदान में राष्ट्रध्वज फहराने के बाद अपने भाषण में कहा, 'कुछ लोग राज्य की शांति को भंग करने और प्रदेश के बंटवारे की कोशिशों में लगे हैं। वाममोर्चे की सरकार पूरी ताकत से इसका विरोध करेगी।'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'सुरक्षाबलों के बेहतरीन प्रयासों और लोगों के विरोध के बावजूद आतंकवाद को जड़ से मिटाना अभी बाकी है। अब भी पड़ोसी देश बांग्लादेश में आतंकियों के शिविर मौजूद हैं।'

इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा लंबे समय से त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनोमस डिस्टि्रक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) को पृथक राज्य घोषित करने की मांग कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 40 साल से भी अधिक पुरानी आतंकवाद की समस्या को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है, लेकिन कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसे फिर से उकसाने की कोशिशों में लगे हैं।

पढञेंः भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी चौकसी चाहते हैं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री


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