भारत में रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकताः सुरेश प्रभु
अगर सोचा जा रहा है कि रलवे के निजीकरण से समस्याएं खत्म हो जाएंगी तो ऐसा नहीं है।
नई दिल्ली, पीटीआई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि भारत में रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता है। उनका मानना है कि आम आदमी के हितों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता और सार्वजनिक सेवा दायित्व को सहन करना होगा। इस समय भारतीय रेलवे की सार्वजनिक सेवा दायित्व लगभग 30 हजार से 35 हजार करोड़ रुपये का है।
उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि भारत में रेलवे का निजीकरण नहीं हो सकता। उनका मानना है कि भारत में रेलवे आम आदमी के परिवहन के लिए अंतिम उपाय है और इसलिए रेलवे को ये जिम्मेदारी और बोझ को उठाना ही पड़ेगा।
उन्होंने रलवे के निजीकरण पर आगे बात करते हुए कहा कि अगर सोचा जा रहा है कि रलवे के निजीकरण से समस्याएं खत्म हो जाएंगी तो ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में बहुत कम देश हैं जिन्होंने रेलवे का निजीकरण किया है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इंग्लैंड में रेलवे का कुछ हिस्से का निजीकरण किया गया..इसे किसने खरीदा...इटली ने। इटली की सरकार इसे चला रही है। वहीं की सरकार ने इसे खरीदा है।
उन्होंने कहा कि कौन सी प्राइवेट कंपनी रेलवे को खरीदने की कोशिश करेगी। आपको क्या लगता है कोई निजी एयरलाइन किसान स्पेशल एयरलाइन चलाएगी।
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