उमा ने UP सरकार को घेरा, बोलीं- गंगा पर राजनीति न करूंगी, न करने दूंगी
गंगा पर राजनीति नहीं करने और न ही किसी और को करने देने की दुहाई देते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने रविवार को राजधानी में अखिलेश सरकार को घेरा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ । गंगा पर राजनीति नहीं करने और न ही किसी और को करने देने की दुहाई देते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने रविवार को राजधानी में अखिलेश सरकार को घेरा। यह कहते हुए कि निर्मल गंगा अभियान के तहत प्रस्तावित मथुरा-वृंदावन प्रोजेक्ट राज्य सरकार की ओर से दिये जाने वाले अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के इंतजार में तीन महीने से लखनऊ में लटका हुआ है। एनओसी की फाइल राज्य सरकार के नगर विकास विभाग में अटक गई है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने रविवार शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।
मुलाकात के बाद वीवीआइपी गेस्ट हाउस में मीडिया से मुखातिब उमा ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने खुद पिछले तीन महीनों से अखिलेश यादव से संपर्क करने की लगातार कोशिश की पर सफलता नहीं मिली। जबकि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव लोकसभा में उन्हें दो बार गंगा को निर्मल बनाने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दे चुके हैं। प्रोजेक्ट का टेंडर निकालने के लिए राज्य सरकर की एनओसी बेहद जरूरी है। एनओसी के इंतजार में तीन महीने बीत चुके हैं और अब मानसून की वजह से प्रोजेक्ट तीन महीने और लेट होगा। उन्होंने कहा कि गंगा पर राजनीति करना अधर्म, अन्याय और राष्ट्र के लिए अहितकारी होगा।
बकौल उमा, बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके पिता की ओर से दिये गए आश्वासनों का हवाला देते हुए गंगा-यमुना को निर्मल बनाने और मथुरा-वृंदावन प्रोजेक्ट के लिए शीघ्र एनओसी जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा पर बिजनौर से लेकर बलिया तक कई प्रोजेक्ट आने वाले हैं। इन प्रोजेक्ट के लिए भी एनओसी की जरूरत होगी। यदि सैद्धांतिक सहमति बन जाए कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव और उप्र के मुख्य सचिव इन मसलों पर आपस में बैठक कर समस्याओं का समाधान निकाल लें तो प्रदेश में अभियान तेजी से बढ़ सकेगा। बैठक में यह सहमति बनी है कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अगले तीन दिनों के अंदर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के सामने मथुरा-वृंदावन प्रोजेक्ट समेत उप्र में निर्मल गंगा को लेकर मंत्रालय की पूरी योजना का खाका पेश करेंगे। उमा भारती ने देर शाम राज्यपाल राम नाईक से भी शिष्टाचार भेंट की और उसके बाद नई दिल्ली रवाना हो गईं।
यह है मथुरा-वृंदावन प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट के तहत मथुरा और वृंदावन के बीच तकरीबन 15 किलोमीटर की लंबाई में यमुना में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को रोक कर उसे शोधित करने का प्रस्ताव है। शोधित जल को मथुरा ऑयल रिफाइनरी को बेचा जाएगा जिसे खरीदने के लिए रिफाइनरी तैयार है।
कानपुर का प्रोजेक्ट भी तैयार
उमा भारती ने कहा कि कानपुर में टैनरियों और उद्योगों द्वारा सीवेज शोधन संयंत्र लगाकर गंगा में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की योजना को लागू करने का प्रोजेक्ट भी तैयार हो चुका है। गंगा को निर्मल बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इसमें से सात हजार करोड़ रुपये पुरानी देनदारियों को चुकता करने, आठ हजार करोड़ रुपये नये कार्यों और बाकी अन्य कार्यों पर खर्च होंगे। पूरी गंगा को 2018 तक निर्मल हो जाएगी।
'गंगा दिखती है, सीएम की कुर्सी नही'
उप्र में अगले विधानसभा चुनाव के लिए खुद को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किये जाने के सवाल पर उमा ने कहा कि वह पहले ही मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, लिहाजा उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं दिखती। उन्हें तो सिर्फ गंगा दिखती है।
पुनरोद्धार के लिए 4000 करोड़ रुपये
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की सहायता से प्रदेश में संचालित प्रोजेक्ट, बाढ़ परियोजनाओं तथा वाटर बॉडीज की मरम्मत, पुनरोद्धार और पुनस्र्थापन के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपये की लंबित धनराशि को शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से वाराणसी में वरुणा, वृंदावन में यमुना और अयोध्या में सरयू नदी की सफाई और सुंदरीकरण कार्य कराने का फैसला लिया है। यदि केंद्र सरकार इस बारे में कोई प्रस्ताव देती है तो उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव को सोमवार को ही बैठक बुलाने का निर्देश दिया। केंद्रीय मंत्री को उन्होंने गंगा प्रदेश में गंगा को प्रदूषणमुक्त करने और लखनऊ में गोमती नदी के चैनेलाइजेशन के काम की जानकारी दी।