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भारतीय तीरंदाजी संघ को झटका, टाटा ने छोड़ा साथ

भारतीय तीरंदाजी संघ को टाटा ने जोर का झटका दिया है। सभी खेलों को प्रमोट करने में महती भूमिका निभाने वाला टाटा समूह अब भारतीय तीरंदाजी संघ को किसी भी तरह का मदद नहीं करेगा। इस निर्णय से भारतीय तीरंदाजी संघ स्तब्ध है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 01:56 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 03:14 AM (IST)
भारतीय तीरंदाजी संघ को झटका, टाटा ने छोड़ा साथ

रांची। भारतीय तीरंदाजी संघ को टाटा ने जोर का झटका दिया है। सभी खेलों को प्रमोट करने में महती भूमिका निभाने वाला टाटा समूह अब भारतीय तीरंदाजी संघ को किसी भी तरह का मदद नहीं करेगा। इस निर्णय से भारतीय तीरंदाजी संघ स्तब्ध है।

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टाटा हर तीन माह पर नेशनल रैकिंग टूर्नामेंट के आयोजन का पूरा खर्च वहन करता था, यही नहीं भारतीय टीम (सीनियर व कैडेट) को किट आदि भी मुहैया कराता था। प्रत्येक साल इस पर करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे। इस पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल न होने की वजह से उसने अपने कदम पीछे खींच लिए।

सूत्रों ने बताया कि टाटा अब इस रकम को खिलाडि़यों को तैयार करने तथा उन्हें प्रशिक्षण देने में खर्च करेगा ताकि देश को और बेहतर खिलाड़ी मिल सके। पिछले दिनों टाटा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद भारतीय तीरंदाजी संघ से अपनी नाराजगी जता दी थी।

भारतीय तीरंदाजी संघ के समक्ष नए प्रायोजक खोजने की समस्या आ खड़ी हुई है। संघ के सूत्रों ने कहा कि अब तो नेशनल रैंकिंग टूर्नामेंट का आयोजन करने में भी कठिनाई होगी। टाटा तीरंदाजी अकादमी से दीपिका कुमारी जैसी खिलाड़ी निकली हैं।


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