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UP के 'शो विंडो' से सूबे की राजनीति में प्रवेश करने की तैयारी में JDU

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ बिहार में सत्तासीन जनता दल यू उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव विस्तार को बेताब है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 10:29 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 07:56 AM (IST)
UP के 'शो विंडो' से सूबे की राजनीति में प्रवेश करने की तैयारी में JDU

नोएडा (जेपी यादव)। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ बिहार में सत्तासीन जनता दल यू उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव विस्तार को बेताब है। इसकी बानगी जेवर में बिहार के मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति रैली के बहाने भीड़ जुटाकर दिखा दी है। जदयू ने यूपी को शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा (गौतमबुद्धनगर) से समाजवादी पार्टी के साथ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को संदेश दिया।

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सपा-भाजपा दोनों पर किया हमला

उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रवेश करने के जेडीयू के इरादों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नीतीश ने करीब एक घंटे के भाषण में शराब बंदी के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार दोनों का घेराव किया था। इस दौरान नरेंद्र मोदी के साथ प्रदेश की सत्ता में मुखिया अखिलेश यादव को भी नहीं छोड़ा।

कुर्मी वोटबैंक में सेंध हुई तो बिगड़ेगा यूपी का चुनावी गणित

शराबबंदी के बहाने यूपी की राजनीति में दाखिल होने की आशा से नीतीश कुमार कुर्मी वोट बैंक में सेंध लगाकर बाकी पार्टियों को सचेत कर गए। छह फीसद के आसपास कुर्मी जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में यह समुदाय कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की हार-जीत तय करता है। ऐसे में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी के कुर्मी वोट बैंक में सेंध लग सकती है।

2012 विस चुनाव में जदयू लगा चुका है दांव

यहां पर याद दिला दें कि 2012 विधानसभा चुनाव में जनता दल यू ने भट्टा पारसौल कांड के आरोपी और किसान नेता मनवीर तेवतिया को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

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जिले में JDU को मिल सकता है समर्थन

राजनीति से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो जिले में शराब-नशा बड़ी समस्या है। इसके लिए कई संगठन काम कर रहे हैं। वहीं कई जगहों पर महिलाएं भी आंदोलन चला चुकी है। ऐसे में उम्मीद यह भी है कि महिलाएं जदयू के साथ आ खड़ी हों, क्योंकि शराबी पतियों की शिकार महिलाएं इससे छुटकारा चाहती हैं।

सपा-भाजपा हुईं सतर्क

नीतीश कुमार के यूपी में कुर्मी वोट के साथ दस्तक के बीच समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। सपा ने इसका नमूना अपने मंत्रिमंडल विस्तार में दिखाया है। सपा ने भी कुर्मी वोट बैंक को देखते हुए जहां बेनी प्रसाद वर्मा को फिर से पार्टी में शामिल करके राज्य सभा में भेजा, तो वहीं भाजपा भी इसकी काट में जुटी है। पिछड़ी जातियों के वोट बैंक को देखते हुए हुए ही भाजपा ने पिछड़ी जाति के केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश का पार्टी अध्यक्ष बनाया है।


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