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'इस दिल के टुकड़े हजार हुए, कुछ यहां गिरे कुछ वहां'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वे अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करेंगे। उनका इशारा पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर उनके द्वारा रखी गई बातों पर हो रही टिप्पणियों की ओर था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा-क्या हमें अपने विचार रखने का हक नहीं है। क्षेत्रीय दलों पर भाजप

By Edited By: Published: Wed, 24 Apr 2013 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2013 11:06 AM (IST)
'इस दिल के टुकड़े हजार हुए, कुछ यहां गिरे कुछ वहां'

जागरण ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वे अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करेंगे। उनका इशारा पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर उनके द्वारा रखी गई बातों पर हो रही टिप्पणियों की ओर था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा-क्या हमें अपने विचार रखने का हक नहीं है। क्षेत्रीय दलों पर भाजपा की ओर से की गई टिप्पणी की चर्चा किए बिना उन्होंने कहा कि एक समय में पाटलिपुत्र जैसी छोटी जगह से पूरे देश का शासन चलता था। उतना बड़ा भारत तो अब रहा भी नहीं।

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श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में मंगलवार को वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के उद्घाटन के बाद वे समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुमार ने कहा कि कोई इस भ्रम में न रहे कि खट-पट (भाजपा-जदयू में) के चलते केंद्र सरकार ने बिहार को 12,000 करोड़ रुपया दिया है। यह व्यवस्था तो पुनर्गठन विधेयक के तहत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी जो 11वीं पंचवर्षीय योजना के बाद अब 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी के खिलाफ बोलते नहीं, लेकिन अपने विचार तो रखेंगे ही। मैंने तो कहा था कि बिहार में भाजपा-जदयू का गठबंधन बहुत अच्छे ढंग से चल रहा है। इसे बाहर के खाद-पानी की जरूरत नहीं है। मैंने तो अटल जी के गठबंधन चलाने के तरीके की प्रशंसा की थी। समाज में समरसता और पिछड़े राज्यों के हित की भी बातें कही थी। हम तो बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर सभी को गोलबंद कर रहे हैं। इस मसले पर वित्त मंत्री गोल-गोल बोल रहे हैं। हमारी इस मांग पर गौर नहीं करेंगे तो हम अपना अभियान तेज करेंगे। नहीं देंगे तो इस मुद्दे के लिए हम 2014 के लोकसभा चुनाव का भरपूर उपयोग करेंगे।

क्षेत्रीय दलों पर भाजपा की टिप्पणी पर सीधे कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाय उन्होंने कहा कि हम लोगों का भी बड़ा दल था, लेकिन इस दिल के हजार टुकड़े हुए, कुछ यहां गिरे कुछ वहां। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि पार्टी कितने राज्यों में प्रभाव रखती है या उसका वोट प्रतिशत क्या है।

महत्वपूर्ण उसका विचार है। यह विचार हमारे बुनियादी उसूल हैं। इनसे हम कभी भी समझौता नहीं कर सकते। मेरे बारे में तरह तरह की भ्रांति फैलाई जाती है। मैं साफ कर दूं कि मेरे कोई ख्वाब नहीं हैं। मैं एमएलए, फिर एमपी और अब मुख्यमंत्री हूं। अब मेरी कोई निजी तमन्ना नहीं है। सिर्फ इतना चाहते हैं कि बिहार को इतना आगे बढ़ा दें कि इसे कोई पीछे खींच कर नहीं ला सके। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर भी निशाना साधा। नीतीश ने कहा कि जब सत्ता मिली तो चादर तान कर सोते रहे और अब फिर से सत्ता हासिल करने के लिए जोर मार रहे हैं। लोगों के बीच जाकर कान पकड़ कर उठक-बैठक कर रहे हैं। परन्तु उन्हें दोबारा सत्ता मिलने वाली नहीं है। नीतीश ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की जयंती पर आज सभी यह संकल्प लें कि बिहार के मान-शान को आगे बढ़ाएंगे। एक समय था जब पाटलिपुत्र से पूरे देश पर शासन किया जाता था। समारोह में उन्होंने डुमरांव स्थित कृषि महाविद्यालय का नाम वीर कुंवर सिंह पर रखे जाने की भी घोषणा की।

खास बातें

कभी पाटलिपुत्र से तो पूरे देश पर शासन चलता था, अब बात सुनने में दिक्कत क्यों?

गठबंधन बेहतर ढंग से चलाने के लिए अटल जी की प्रशंसा की

कोई यह न समझे कि खट-पट के चलते मिले 12,000 करोड़

बेहतर ढंग से चल रहा गठबंधन बाहरी खाद-पानी की जरूरत नहीं

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