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नीतीश और मोदी ने संभाली बिहार की बागडोर, आज विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे

शुक्रवार (28 जुलाई) को नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 28 Jul 2017 03:07 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2017 03:07 AM (IST)
नीतीश और मोदी ने संभाली बिहार की बागडोर, आज विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे
नीतीश और मोदी ने संभाली बिहार की बागडोर, आज विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे

 राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में गुरुवार को राजग की नई सरकार बन गई। कभी राज्य को 'जंगलराज' से मुक्त कराने वाली 'करिश्माई' जोड़ी फिर सत्ता के मंच पर दिखी। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री और सुशील कुमार मोदी ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही शासन की बागडोर संभाल ली। नई राजग सरकार के साथ एक अच्छी बात और है कि केंद्र में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग की ही सरकार है, जिससे बिहार को 'लाखों' उम्मीदें हैं। सिर्फ नीतीश और सुशील मोदी ने ली शपथ ठीक दस बजे राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी राजेंद्र मंडपम पहुंचे।

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 मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने राज्यपाल की तरफ से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने संबंधी पत्र पढ़ा। इसके बाद महामहिम ने नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। संक्षिप्त शपथ ग्रहण समारोह कुल 12 मिनट चला। शुक्रवार (28 जुलाई) को नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करेंगे। जदयू एवं भाजपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर उन्हें शुक्रवार को विधानसभा में पेश विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने का निर्देश दिया है। नई सरकार के गठन की कवायद शुरू होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बधाई आ गई । पीएम ने नीतीश कुमार को फोन भी किया। उम्मीद जताई कि बिहार विकास और खुशहाली की नई राह पर चलेगा।

 शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा संसदीय बोर्ड की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख के साथ मौजूद थे। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के उपसभापति हारून रशीद, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव रामचंद्र प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, नंदकिशोर यादव, मंगल पांडेय, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री श्याम रजक, जदयू प्रवक्ता संजय सिंह सहित बड़ी संख्या में एनडीए के विधानमंडल के सदस्य मौजूद थे। राजद और कांग्रेस का कोई नेता शपथ समारोह में नहीं दिखा। इस घटनाक्रम से राजद-कांग्रेस खेमे को छोड़कर पूरे बिहार में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। लोगों ने कहा, बिहार को बदलने के लिए इससे अच्छा मौका अब नहीं आने वाला।

 महागठबंधन सरकार के अंत और राजग के नए युग की शुरुआत के साथ ही उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं कि बिहार में अब अच्छे दिन आएंगे। राजद और कांग्रेस का विरोध नीतीश के इस फैसले का राजद और कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया। राजद की ओर से हाईकोर्ट में राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है। राजद का दावा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने का पहले मौका मिलना चाहिए था।

 महागठबंधन तोड़कर राजग के साथ जाने पर दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश ने हमें धोखा दिया है। तीन-चार महीने से उन्हें पता था कि ऐसा होने वाला है। यही हमारी राजनीति की दिक्कत है, लोग सत्ता के लिए सिद्धांत की परवाह नहीं करते। राजद ने भी जमकर हमला किया। खुद लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को 'भस्मासुर' और बिहार के 'भजनलाल' जैसे नाम दिए। राजद के अन्य नेताओं ने भी हमला बोला। नीतीश ने जवाब में इतना ही कहा कि राहुल और अन्य लोगों को अच्छे से जवाब दूंगा।

बिहार के हित के लिए एनडीए के साथ आने का मैंने यह फैसला लिया है। अब तक बिहार के लोगों ने जो अवसर दिया है उसे मैंने अपनी क्षमता के अनुरूप निभाने की कोशिश की है। आगे भी मैं इसी राह पर चलता रहूंगा - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री।

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