Move to Jagran APP

नीति आयोग करेगा जिला अस्पतालों की रैंकिंग

जिला अस्पतालों की समीक्षा के इस क्रम में यह भी देखा जाएगा कि प्रति लाख आबादी पर अस्पताल में बेड कितने हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 01:29 AM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 01:29 AM (IST)
नीति आयोग करेगा जिला अस्पतालों की रैंकिंग
नीति आयोग करेगा जिला अस्पतालों की रैंकिंग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के मकसद से नीति आयोग जिला अस्पतालों की रैंकिंग करने जा रहा है। यह रैकिंग इन अस्पतालों के प्रदर्शन के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार की जाएगी। देशभर में 700 से अधिक जिला अस्पताल हैं। नीति आयोग इन अस्पतालों के साथ-साथ करीब 300 महिला अस्पतालों की रैकिंग भी करेगा।

loksabha election banner

नीति आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि जिला अस्पतालों की रैंकिंग करने का यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखते हुए किया गया कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर काफी धन खर्च कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर उनका असर देखने को नहीं मिला है। इसलिए अलग-अलग मानकों को पैमाना बनाकर यह रैंकिंग तैयार की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि इस रैंकिंग में सबसे अच्छे और सबसे खराब अस्पतालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी। ऐसा होने पर जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

जिन मानकों के आधार पर अस्पतालों की रैंकिंग की जाएगी उनमें प्रत्येक ओपीडी में डाक्टरों की संख्या, प्रति टेक्नीशियन लेबोरेटरी टेस्ट, आवश्यक दवाओं का स्टॉक, अस्पताल में उपलब्ध कुल बेड के मुकाबले भर्ती मरीजों का अनुपात, सी-सेक्शन सर्जरी की दर, ब्लड बैंक रिप्लेशमेंट रेट और सर्जरी के बाद इन्फेक्शन की दर जैसे मानक शामिल हैं। आयोग ने मानक तय के लिए सभी संबंधित पक्षों से राय मांगी है।

जिला अस्पतालों की समीक्षा के इस क्रम में यह भी देखा जाएगा कि प्रति लाख आबादी पर अस्पताल में बेड कितने हैं। डाक्टरों, नर्सो तथा पैरामेडिकल स्टाफ के अनुपात को भी रैकिंग तय करते समय संज्ञान में लिया जाएगा। खास बात यह है कि अस्पतालों की रैकिंग के लिए जो इंडेक्स तैयार किया जाएगा उसमें मरीजों के फीडबैक को पहली बार व्यापक तौर पर तवज्जो दी गयी है। इस तरह किसी अस्पताल को लेकर वहां इलाज कराने वाले लोग क्या सोचते हैं, यह भी प्रमुखता से सामने आएगा।

अधिकारी ने कहा कि रैकिंग होने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य तथा राज्यों के भीतर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के बीच स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। साथ ही इससे एक दूसरे राज्यों को आपस में अच्छी चीजों को अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी।

यह भी पढ़ें : सुषमा ने अमेरिका के समक्ष उठाया एच1-बी वीजा मुद्दा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.