निरुपम की टिप्पणी पर कांग्रेस में कोहराम
मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम की विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस में कोहराम मचा हुआ है। राहुल को पार्टी का ग्रुप लीडर प्रस्तुत किए जाने पर नाक-भौं सिकोड़ने वाले नेताओं का मानना है कि बुजुर्गो की कीमत पर युवा को प्रोत्साहित करने का प्रयास है।
नई दिल्ली। मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम की विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस में कोहराम मचा हुआ है। राहुल को पार्टी का ग्रुप लीडर प्रस्तुत किए जाने पर नाक-भौं सिकोड़ने वाले नेताओं का मानना है कि बुजुर्गो की कीमत पर युवा को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। निरुपम ने कहा था कि पार्टी के भीतर पीड़ियों का टकराव चल रहा है। पार्टी के कई नेताओं ने इस मानसिकता का विरोध किया है और कहा है कि राहुल मुद्दे को मीडिया ने हवा दी है। ऐसे नेताओं का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ग्रुप लीडर नहीं हैं, बल्कि पूरी कांग्रेस के नेता हैं।
युवाओं को आगे करने के विरोधी नेताओं स्पष्ट राय रखी है। उनका कहना है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हार का सामना किया है। अब उससे उबरने में जुटी है। ऐसे में इस तरह के प्रोत्साहन से नुकसान ही होगा।
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कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने राहुल मामले को लेकर हो रही बयान बाजी को मीडिया की कारस्तानी करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस में ग्रुप लीडर नहीं हैं। वह पूरी कांग्रेस के नेता हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को यदि कोई युवाओं को ज्यादा तरजीह देने वाला कह रहा है तो वह ठीक से देख नहीं रहा है। ऐसे लोगों को यह जान लेना चाहिए कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (भरतसिंह सोलंकी) और केरल के (वीएम सुधीरन) की नियुक्ति राहुल ने ही की है और दोनों 60 के पार नेता हैं। इतना ही नहीं महाराष्ट्र (अशोक चव्हाण) और तेलंगाना (एन उत्तम कुमार रेड्डी) 60 के करीब पहुंचने वाले हैं।
पार्टी के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने भी निरुपम की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की। निरुपम के यह कहने पर कि नए प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के पुराने कद्दावरों से प्रतिरोध करते हैं। पुराने ही पार्टी को आकार देते हैं।
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