Move to Jagran APP

आतंकियों के संपर्क में है निर्भया का नाबालिग रेपिस्ट, IB ने जारी किया अलर्ट

इंटेलीजेंस ब्यूरो ने अपने एक नए अलर्ट में चेतावनी जारी कर कहा है कि दिल्ली के निर्भया रेप में दोषी नाबालिग लड़का आतंकियों के संपर्क में है।

By kishor joshiEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 12:20 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 12:47 PM (IST)
आतंकियों के संपर्क में है निर्भया का नाबालिग रेपिस्ट, IB ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली। 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया रेप और मर्डर केस में रिहा हो चुका 'नाबालिग' दोषी अब आतंकियों के संपर्क में है। इस दोषी की उम्र अब 21 साल हो चुकी है। इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) ने अपने एक नए अलर्ट में चेतावनी जारी कर कहा है दोषी नाबालिग दोषी आतंकियों के संपर्क में है। इससे पहले भी आईबी ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया था।

loksabha election banner

मेल टुडे की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बदायूं में रह रहे इस निर्भया गैंगरेप के आरोपी के बारे में आईबी ने राज्य सरकार को को सलाह दी है कि वह उस पर बारीकी से नजर रखे। आपको बता दें कि निर्भया के इस गुनहगार को 6 महीने पहले ही रिफॉर्म होम में तीन साल की सजा काटने के बाद रिहा किया था।

पढ़ें- बिहार की दो निर्भया, अस्पताल में भुगत रहीं 'बेटी' होने की सजा...जानिए

इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अफसर ने बताया कि- "हाल ही में हमें उसके बारे में कुछ खास जानकारी मिली है। हमने स्थानीय अधिकारियों से उस पर करीबी नजर बनाए रखने को कहा है।" 2015 में जुवेनाइल होम से उसकी रिहाई से पहले भी आईबी ने अलर्ट जारी कर कहा गया था कि दोषी जुवेनाइल होम में एक कश्मीरी लड़के के साथ रहा था जो दिल्ली हाईकोर्ट में 2011 में हुए ब्लास्ट केस में आरोपी है। रेपिस्ट और कश्मीरी लड़का एक ही रूम में रहते थे। बताया जाता है कि कश्मीरी लड़के ने उसे आतंकी संगठनों से जुड़ने को उकसाया था।

बदायूं के वरिष्ठ एसएसपी सुनील सक्सेना ने बताया- "अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हमसे जो भी जानकारी उसके बारे में मांगी जाएगी, वो हम वह उपलब्ध कराएंगे।"

पढ़ें- उत्तराखंड में महिला अपराधों को रोकने के लिए बनेंगे निर्भया सेल

बता दें कि दोषी को तीन साल रिफ़ॉर्म होम में रखने के बाद जब उसे पिछले साल रिहा किया गया थो तो उसकी रिहाई का देशभर में काफी विरोध हुआ था। निर्भया के माता पिता भी जुवेनाइल लॉ के बेस पर आरोपी की रिहाई के खिलाफ हुए विरोध प्रर्दशनो में शामिल हुए थे लेकिन तब के कानून के आधार पर हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार भी रेपिस्ट की रिहाई नहीं चाहती थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.