सास के मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भटक रही है जेटली की भतीजी
कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली की भतीजी रंजना जेटली बीएमसी के डी वार्ड कार्यालय में अपनी सास का मृत्यु प्रमाणपत्र लेने आई थी।
वरुण सिंह (मिड डे), मुंबई । कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली की भतीजी रंजना जेटली बीएमसी के डी वार्ड कार्यालय में अपनी सास का मृत्यु प्रमाणपत्र लेने आई थी। तब उन्हें बताया गया था कि सर्वर डाउन है। बुधवार और गुरुवार को जब वह फिर पहुंची तब उन्हें फिर वही कारण बताया गया। उनकी सास 15 अप्रैल को दिवंगत हो गई।
एक ही जवाब मिलने के बाद रंजना की मदद करने भाजपा नेता शाइना एनसी और निरंजन शेट्टी पहुंचे तो मामला ही उलट गया। बीएमसी ने नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर को इस अफरा-तफरी के लिए जवाबदेह ठहराया। पहले बीएमसी पर आरोप मढ़ने के बाद एनआइसी ने कहा कि वह मामले को देखेगा। रंजना की सास पेड्डर रोड में ठहरी हुई थी। अंतिम संस्कार के बाद वह मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल करने में जुट गई।
जनवरी 2016 में बीएमसी के साथ ही अन्य शहर भी मृत्यु प्रमाण पत्र ऑन लाइन जारी करने लगे। बीएमसी ने दावा किया कि यह काम एनआइसी सर्वर पर आश्रित है।
रंजना की मदद करने में जुटे शेट्टी ने दावा किया कि रंजना की सास का ब्योरा तीन दिनों के भीतर ही वार्ड कार्यालय तक पहुंच गया। बीएमसी की ऑनलाइन प्रणाली के मुताबिक रंजना मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल कर सकती हैं। लेकिन दस दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है और मृत्यु प्रमाणपत्र उनके पास तक नहीं पहुंचा है। गुरुवार को जब रंजना के साथ पहुंचा तो बताया गया कि सर्वर डाउन है। लेकिन कितने दिनों तक यही स्थिति रहेगी? हमें और कितना इंतजार करना होगा?