रेल दुर्घटनाओं के पीछे ISI की ओर बिहार पुलिस का इशारा सही: NIA
पिछले दिनों भारत में विभिन्न जगहों पर हुए रेल हादसे के पीछे बिहार पुलिस ने आइएसआइ का हाथ बताया जिसपर एनआइए ने भी सहमति जतायी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पूर्वी चंपारण में पटरियों के उड़ाने, इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और गत सप्ताह कोनेरु रेल दुर्घटना मामले की जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बिहार पुलिस के जांच को सही ठहराते हुए भारत में रेल दुर्घटनाओं के पीछे आइएसआई के होने की बात को स्वीकार किया है। एजेंसी के अनुसार इस जांच में आइएसआइ का एंगल बिल्कुल सही है जो बिहार पुलिस ने अपनी जांच के बाद बताया।
गणतंत्र दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय ने रेल दुर्घटनाओं की जांच एनआईए को सौंप दी। इस बारे में एनआईए ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा है कि आंध्र प्रदेश के कुनेरु और कानपुर के रूरा में हुए ट्रेन हादसों की साजिश की जांच एनआईए को मिल गई है।
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NIA सूत्रों के अनुसार इस हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात बिहार के पूर्वी चंपारण से पकड़े गए तीन बदमाशों-मोती पासवान, उमाशंकर पटेल तथा मुकेश यादव से पूछताछ में सामने आई थी। इन तीनों ने पुलिस को बताया था उन्हें घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर आइईडी लगाने के लिए आईएसआई की ओर से तीन लाख रुपये दिए गए थे। हालांकि इस आइईडी को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट के पहले ही बरामद कर लिया गया था।
इस सिलसिले में एनआईए की एक टीम बिहार के मोतीहारी गई है जो ISI की साजिश का पता लगाएंगे।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया,’बिहार पुलिस और हमारी सूत्रों द्वारा कही गयी किसी भी बात में संदेह नहीं है। गिरफ्तार अपराधियों व नेपाली बृज किशोर गिरी, दुबई के मास्टरमाइंड शमशुल हुदा और कराची के संदिग्ध आइएसआइ एजेंट शफी शेख के बीच बातचीत का ब्यौरा देने वाले टेक्निकल सबूत भी बरामद हुआ है।‘
जांच सूत्रों ने बताया कि बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन अपराधियों में से एक उमाशंकर पटेल ने गिरी से संपर्क करने के बाद अगस्त में हुदा व शेख दोनों से बात की थी जो उस वक्त दुबई में थे। उन्होंने भारत में रेल दुर्घटनाओं के लिए पटरियों पर आइइडी बिछाने की साजिश की।
NIA ने अपने जांच के दौरान शमसुल हुदा और आइएसआइ से जुड़े कराची के शफी शेख को हिरासत में लेने की योजना भी बनायी है। अधिकारी ने आगे बताया कि ये सब हुदा के साथ आइएसआइ से जुड़े कराची के किंगपिन के साथ सीधे तौर पर संपर्क में थे। इससे एनआइए का आइएसआइ में शक और मजबूत हो गया है।
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बता दें कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु के आग्रह के बाद गृह मंत्री राजनाथ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हाल के ट्रेन हादसों के पीछे तोड़फोड़ की आशंकाओं की जांच करने को कहा है।