जनता परिवार से हट सकता है इनेलो
पिछले दिनों की गई जनता परिवार में विलय की घोषणा से इनेलो बिना कटुता के वापस कदम खींच सकता है। हालांकि इसका निर्णय खुद पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को करना है, लेकिन पार्टी के एक बड़े तबके का मानना है कि हरियाणा में नई पार्टी की बजाय हरा झंडा व
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। पिछले दिनों की गई जनता परिवार में विलय की घोषणा से इनेलो बिना कटुता के वापस कदम खींच सकता है। हालांकि इसका निर्णय खुद पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को करना है, लेकिन पार्टी के एक बड़े तबके का मानना है कि हरियाणा में नई पार्टी की बजाय हरा झंडा व चश्मा ही भविष्य में करिश्मा दिखा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के कई इनेलो पदाधिकारी ऐनक के साथ खड़े रहना चाहते हैं। उनके अपने-अपने तर्क हैं। सबसे मजबूत तर्क यह दिया जा रहा है कि विलय करने से इनेलो को राजनीतिक रूप से किसी तरह का कोई फायदा नहीं है। यदि अहीरवाल में मुलायम व लालू यादव की वजह से मामूली लाभ मिलता भी है तो जाट बेल्ट में चौटाला को इससे किसी तरह की ताकत नहीं मिल रही।
तर्क दिया जा रहा है कि विलय की सूरत में जरूरत के समय मुलायम व लालू तो कांग्रेस के साथ खड़े हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस विरोध के बूते राजनीति में आगे बढ़े चौटाला के लिए पंजे के साथ खड़ा होना किसी भी सूरत में संभव नहीं होगा। हालांकि राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका निभाने व देश को विकल्प देने की मंशा से जनता परिवार में विलय की बजाय तीसरा मोर्चा या कुछ इसी तरह के किसी अन्य विकल्प की जरूरत मानी जा रही है, परंतु पार्टी के कई नेता हाईकमान तक ये बात पहुंचा चुके हैं कि हरा झंडा व निशान छोड़ना पार्टी हित में नहीं होगा।
फीडबैक कर रहा है बैकफुट पर आने को मजबूर
पार्टी के कई पदाधिकारियों का फीडबैक वरिष्ठ नेताओं को बैकफुट पर आने के लिए विचार करने पर मजबूर कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, जनता परिवार में विलय न करने की घोषणा शीघ्र ही हो सकती है। खुद का अस्तित्व कायम रखकर गैर कांग्रेसी दलों से सहयोग का कोई रास्ता निकाला जा सकता है। इनेलो के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार चौटाला परिवार में पार्टी का अस्तित्व कायम रखने के लिए गंभीर मंथन शुरू हो गया है।