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आइएस के खिलाफ जमीनी जंग में नहीं उतरेगा अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ इराक में जमीनी जंग में उतरने की संभावनाओं खारिज कर दिया है। ओबामा ने हालांकि इराक व सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुके आइएस के खिलाफ मिलकर लड़ाई का आह्वान किया है। ओबामा का यह बयान एक शीर्ष अमेरिकी जनरल की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमे

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 01:36 AM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 01:36 AM (IST)
आइएस के खिलाफ जमीनी जंग में नहीं उतरेगा अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ इराक में जमीनी जंग में उतरने की संभावनाओं खारिज कर दिया है। ओबामा ने हालांकि इराक व सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा चुके आइएस के खिलाफ मिलकर लड़ाई का आह्वान किया है। ओबामा का यह बयान एक शीर्ष अमेरिकी जनरल की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें आइएस के खिलाफ जमीनी जंग में उतरने के संकेत दिए गए थे।

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आइएस ने एक नया वीडियो जारी किया है। 52 सेकेंड के इस वीडियो में धमकी दी गई है कि अगर अमेरिका ने अपने सैनिक जमीन पर उतारे तो वे जिंदा वापस नहीं जा पाएंगे। वीडियो आने के बाद अमेरिका में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ओबामा ने एक सप्ताह पहले भी इराक में जमीनी युद्ध में उतरने से इन्कार किया था।

बुधवार को फ्लोरिडा में यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडरों की बैठक के बाद ओबामा ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इराक भेजे गए अमेरिकी सैनिक आइएस के खिलाफ सीधी लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि वे लड़ाई में इराकी सैनिकों को मदद और सलाह देंगे।

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्टिन डेंपसे ने इससे पहले अमेरिकी संसद में कहा था कि यदि हम उस स्थान तक पहुंचते हैं, जहां मेरा मानना है कि हमारे सलाहकारों को आइएस के खिलाफ हमले के लिए इराकी सेना के साथ हो जाना चाहिए तो मैं राष्ट्रपति से लड़ाकू टुकड़ी को इराक भेजने की अनुशंसा करूंगा।

अमेरिकी नागरिक पर आरोप:

न्यूयॉर्क के 30 वर्षीय अमेरिकी नागरिक मुफीद एल्फगीह पर आइएस की मदद करने के प्रयास का आरोप लगा है। उस पर अमेरिकी सेना के पूर्व व वर्तमान सदस्यों की हत्या के प्रयास का भी आरोप लगाया गया है। दोषी पाए जाने पर उसे 30 साल तक की सजा हो सकती है।

वहीं, स्पेन की सरकार जिहादी संगठनों में शामिल होने वाले अपने नागरिकों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने पर विचार कर रही है।

सीरिया में हवाई हमले में 48 मरे:

सीरिया के होम्स प्रांत में हवाई हमलों में 48 लोग मारे गए हैं। इनमें विद्रोही लड़ाके भी शामिल हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमैन राइट्स की ओर से बुधवार को कहा गया है कि दो दिन के हवाई हमलों में मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इनमें एक ऐसी महिला भी शामिल है जिसकी पांच बच्चों के साथ मौत हो गई।

सऊदी मुस्लिम काउंसिल का आइएस के खिलाफ फतवा

रियाद। सऊदी अरब में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की एक शीर्ष संस्था ने इराक और सीरिया में आतंक के पर्याय बने आइएस के खिलाफ फतवा जारी किया है।

काउंसिल ऑफ उलेमा नाम के इस संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मुस्लिम युवा आइएस से न जुड़ें।

काउंसिल ऑफ उलेमा ने बुधवार को कहा कि अल्लाह के नाम पर जिहाद का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है। इस्लाम का आइएस के इस विकृत सिद्धांत से कोई संबंध नहीं। शरई कानून में इस तरह की लड़ाई से जुड़ने पर सख्त मनाही है।

काउंसिल के मुखिया मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज अल शेख ने पिछले महीने अलकायदा और आइएस को चरमपंथी समूह घोषित करते हुए इसे इस्लाम का दुश्मन बताया था। सऊदी अरब सुन्नी मुस्लिम बहुल वाला देश है जो सख्त इस्लामिक कानून का पक्षधर है। उसका आइएस के खिलाफ ताजा बयान काफी मायने रखता है।

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