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रवि ने महिला आइएएस अधिकारी को 44 नहीं, चार कॉल किए थे

आइएएस अधिकारी डीके रवि की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत मामले में एक नया मोड़ आ गया है। मौत से पहले एक महिला आइएएस अधिकारी को रवि द्वारा 44 फोन करने के दावे को उस महिला अधिकारी के पति सुधीर रेड्डी ने खारिज किया है।

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 07:52 PM (IST)
रवि ने महिला आइएएस अधिकारी को 44 नहीं, चार कॉल किए थे

बेंगलुरु, जागरण न्यूज नेटवर्क। आइएएस अधिकारी डीके रवि की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत मामले में एक नया मोड़ आ गया है। मौत से पहले एक महिला आइएएस अधिकारी को रवि द्वारा 44 फोन करने के दावे को उस महिला अधिकारी के पति सुधीर रेड्डी ने खारिज किया है।

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हाई कोर्ट में सुधीर के वकील ने कहा है कि याचिकाकर्ता की पत्‌नी को रवि ने 44 नहीं मात्र तीन - चार कॉल किए थे। दूसरी ओर, रवि के ससुर हनुमंतरयप्पा ने बुधवार को आरोप लगाया कि सीआइडी ने इस मामले को जांच के लिए सीबीआइ को सौंपने के पहले संवेदनशील सुबूत मिटा दिए।

आइएएस अधिकारी डीके रवि की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत पर सीआइडी की अंतरिम रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर लगी रोक हटाने की मांग अब राज्य सरकार भी कर रही है। अपर महाधिवक्ता (एएजी) एएस पोनन्ना ने बुधवार को हाई कोर्ट से कहा है कि सीआइडी जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करना सरकार के लिए जरूरी है, क्योंकि सरकार जनता व विपक्ष के सवालों के प्रति जवाबदेह है।

याचिकाकर्ता के वकील सज्जन पूवय्या ने रोक हटाने की राज्य सरकार की दलील का जोरदार विरोध किया। सीआइडी जांच का ब्योरा सार्वजनिक नहीं करने के अंतरिम आदेश से रोक नहीं हटनी चाहिए, क्योंकि सीआइडी जांच का ब्योरा जनता के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है। राज्य सरकार ने यह भी मांग की कि जो सीलबंद लिफाफा कोर्ट को सौंपा गया है, उसे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार सीबीआइ को सौंप दें।

इस पर न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने सवाल किया कि कोर्ट सीबीआइ को इसे किस आधार पर सौंप सकता है, जब वह इसमें पक्षकार भी नहीं है। सीबीआइ की ओर से आवेदन आने पर इस पर विचार किया जा सकता है। मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

हनुमंतरयप्पा ने दावा किया कि सीआइडी ने रवि के आवास में लगे सीसीटीवी के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर के कुछ सीसीटीवी फुटेज मिटा दिए। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की घोषणा की है और कहा है कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है। वह किसी को भी बचा नहीं रही है।

कांग्रेस के स्थानीय नेता हनुमंतरयप्पा ने कहा कि सीआइडी ने रवि की मौत के दो दिन बाद सीसीटीवी के फुटेज लिए थे और उसे 23 मार्च को लौटाए थे। वह यह देखकर दंग रह गए थे कि उसका कुछ हिस्सा मिटाया हुआ था। खासकर जो फुटेज 16 मार्च की सुबह 10.30 बजे के रिकॉर्ड हुए थे, वे खत्म कर दिए गए थे। 16 मार्च को ही आइएएस रवि का शव कोरमंगल अपार्टमेंट के आवास में पंखे से लटका पाया गया था।

हनुमंतरयप्पा ने कहा कि उन्होंने सुना और अखबारों में पढ़ा है कि मिटाए गए फुटेज में दिखाया गया है कि रवि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान दूसरी तरफ के किसी व्यक्ति पर चिल्ला रहे हैं। हनुमंतरयप्पा ने बताया कि उन्होंने अपने तकनीशियन को मिटाए गए फुटेज को पहले जैसा करने को कहा है, यह संभव है।

पढ़ेंः रवि मामले की सीबीआइ जांच कराएगी कर्नाटक सरकार


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