सीट नहीं पर्ची फेंकने पर हुआ था बखेड़ा
चलती बस में छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में लगातार सीट के लिए विवाद होने को तूल दिया जा रहा है, जबकि सोनीपत की इन बहादुर बहनों की मानें तो विवाद की शुरुआत उनके ऊपर मोबाइल नंबर की पर्ची फेंकने से हुई थी।
रोहतक। चलती बस में छेड़छाड़ और मारपीट के मामले में लगातार सीट के लिए विवाद होने को तूल दिया जा रहा है, जबकि सोनीपत की इन बहादुर बहनों की मानें तो विवाद की शुरुआत उनके ऊपर मोबाइल नंबर की पर्ची फेंकने से हुई थी। इसके बाद आरोपी सीट से उठाने को लेकर झगड़ा और अभद्रता करने लगे।
दोनों बहादुर बहनें शनिवार को अपने पिता राजेश के साथ यहां राजकीय महिला महाविद्यालय परीक्षा देने पहुंचीं थीं। इस दौरान पूजा ने बताया कि कुछ लोग सीट के विवाद को तूल देकर यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि आरोपियों ने उनसे छेड़छाड़ नहीं की।
जबकि हमने पुलिस को दी गई शिकायत और कोर्ट में दिए गए बयानों में पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है। आरोपियों ने सबसे पहले एक कागज की पर्ची उन पर फेंककर कहा था कि ले मोबाइल नंबर कॉल कर लिया कर। इस पर पूजा ने करारा जवाब दिया। इस दौरान आरती टिकट लेने गई थी।
आरती के आने के बाद आरोपी सीट से उठाने की जिद करते हुए अश्लीलता से बात करने लगा, लगातार अभद्रता करने से क्षुब्ध होकर हमने उसे सबक सिखाने की ठान ली और आरोपियों की पिटाई की। पूजा ने पुलिस पर भी शिकायत के हिसाब से रिपोर्ट दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया है।
रुपये नहीं माफी मांगने पर हुआ था समझौता
सिसाना के युवक द्वारा बीस हजार रुपये लेकर समझौता करने के सवाल पर आरती और पूजा के पिता राजेश ने पलटवार करते हुए कहा कि रोहतक बस स्टैंड पर उनकी बेटियों के साथ झगड़ा करने वाले युवक ने माफी मांगी थी। इसके बाद बस स्टैंड चौकी में समझौता हुआ था। समझौते की एवज में बीस हजार रुपये नहीं बल्कि माफी रही थी। बस अड्डा चौकी में लिखित में समझौता हुआ था। अगर आरोप लगाने वालों के पास कोई सबूत है तो प्रस्तुत किए जाएं।