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मोदी से नाखुश हो गए हैं नेपाली

एक वर्ष पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के साथ 10 समझौते किए थे। दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू हुई और भारतीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता शिखर पर जा पहुंची। लेकिन आज तस्वीर का रुख पलट चुका है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 09:38 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 09:42 PM (IST)
मोदी से नाखुश हो गए हैं नेपाली

काठमांडू। एक वर्ष पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के साथ 10 समझौते किए थे। दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू हुई और भारतीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता शिखर पर जा पहुंची। लेकिन आज तस्वीर का रुख पलट चुका है।

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समुद्री सीमा से दूर इस मुल्क में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। कारण साफ है। भारत से यहां पहुंचने के रास्ते बंद हैं। नेपाल में आंतरिक गड़बड़ी के कारण भारत से जाने वाले वाहनों का प्रवेश बंद है। लेकिन लोगों राय भिन्न है।

काठमांडू में दुकानदार दीपक शाह ने बताया, "यह हमारे पुराने मित्र भारत की ओर से सोची समझी रणनीति के अनुसार आर्थिक नाकेबंदी की गई है। नेपाल सरकार के खिलाफ नई दिल्ली प्रतिक्रिया जाहिर कर रही है। नेपाल सरकार ने भारत से संपर्क किए बगैर अपने संविधान को मंजूरी दे दी।"

एक गृहणी बिमला वैद्य ने कहा कि नए संविधान को मोदी सरकार सरकार भारतीय मूल के मधेशियों के खिलाफ भेदभाव के रूप में देख रही है। मधेशी समुदाय भारतीय सीमा के साथ लगते इलाके में बसा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मधेशियों को लुभाने में लगी है क्योंकि अभी बिहार में चुनाव होने जा रहा है।


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