वैचारिक रूप से कम्युनिस्ट थे नेहरू : सुब्रहमण्यम स्वामी
स्वामी रविवार को प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन 'कहानी कम्युनिस्टों की' पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रहमण्यम स्वामी का कहना है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू वैचारिक रूप से कम्युनिस्ट थे, जो सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी के एजेंटों से घिरे रहते थे। स्वामी रविवार को प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन 'कहानी कम्युनिस्टों की' पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे।
सुब्रहमण्यम स्वामी ने जवाहरलाल नेहरू के नाम पर जेएनयू का नाम रखे जाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि नेहरू औसत दर्जे के विद्यार्थी थे। इसलिए उनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम नहीं रखा जाना चाहिए था। जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर होना चाहिए।
इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय काल केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि कम्युनिस्टों की देशभक्ति हमेशा संदेह के घेरे में रही है। 1962 की लड़ाई में कम्युनिस्ट कहते थे कि चीन ने भारत पर हमला नहीं किया है, बल्कि भारत ने उसे उकसाया है। वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान तिवारी ने कहा कि साम्यवादी-समाजवादी अर्थव्यवस्था ने हमेशा अधिनायकवाद और क्रोनी कैप्टलिज्म को बढ़ावा दिया है।
भारत की अर्थव्यवस्था वैदिक काल से मुक्त अर्थव्यवस्था थी, लेकिन देश की पहली सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को कम्युनिज्म पैटर्न पर डालकर इसे बंद कर दिया। लेखक-पत्रकार संदीप देव की पुस्तक 'कहानी कम्युनिस्टों की' का लोकार्पण हॉल नं-8 के साहित्य मंच पर किया गया।
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