सरकारी वाहनों के लिए फास्टैग होगा जरूरी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई अंतरमंत्रालयी बैठक में इस बाबत सहमति बन गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सभी सरकारी तथा सरकार द्वारा अनुबंधित वाहनों के लिए अब फास्टैग लेना अनिवार्य होगा। देश में इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह को बढ़ावा देने के लिए सरकार इसे अनिवार्य बनाने जा रही है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई अंतरमंत्रालयी बैठक में इस बाबत सहमति बन गई है। इसमें पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।
बैठक में तय हुआ कि सभी केंद्रीय मंत्रालय इस संबंध में अपने-अपने विभागों से आदेश जारी कराएंगे। जिनके तहत केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, निगमों तथा उनके द्वारा अनुबंधित सभी ट्रकों के लिए फास्टैग लेना जरूरी होगा। उदाहरण के लिए खाद्य व आपूर्ति मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय खाद्य निगम तथा पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन आने वाली तेल कंपनियों के ट्रक फास्टैग से लैस होंगे।
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फास्टैग इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह के लिए जरूरी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) डिवाइस है। जिसे वाहन के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है। फास्टैग लगा वाहन जैसे ही इलेक्ट्रानिक टोलिंग वाली लेन से गुजरता है, उसका टोल अपने आप उसके खाते से कटकर टोल प्लाजा का प्रबंधन करने वाली कंपनी के खाते में चला जाता है। 25 फरवरी तक देश में 3,42,500 फास्टैग जारी किए जा चुके थे। जिनके जरिए कुल 353.37 करोड़ रुपये का टोल संग्रह हो चुका है।
गडकरी ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस दिशा में पहले ही कार्य प्रारंभ कर दिया है और अब तक तेल व गैस कंपनियों के 50 हजार ट्रक फास्टैग से लैस हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि फास्टैग से टोल प्लाजाओं को भारी बचत हो रही है। आगे चलकर इससे सालाना 70 हजार करोड़ की बचत की उम्मीद है।
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