रैक प्वाइंट के बहाने राहुल को घेरने की तैयारी
अमेठी में रैक प्वाइंट के बहाने केंद्र सरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर एक और सियासी वार करने की तैयारी में है। चार साल पहले जब अमेठी को जिले का दर्जा मिला, तभी से किसानों को खाद मुहैया कराने के लिए रैक प्वाइंट बनाने की मांग होती रही। जब तब
अमेठी, जागरण संवाददाता। अमेठी में रैक प्वाइंट के बहाने केंद्र सरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर एक और सियासी वार करने की तैयारी में है। चार साल पहले जब अमेठी को जिले का दर्जा मिला, तभी से किसानों को खाद मुहैया कराने के लिए रैक प्वाइंट बनाने की मांग होती रही। जब तब अमेठी के किसानों की राहुल से मुलाकात होती, यह बात जरूर उठती पर रैक प्वाइंट नहीं मिल पाया।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान के 12 मई के अमेठी दौरे के दौरान यह मुद्दा उनके सामने भी उठ। उन्होंने इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए 25 मई को एक रैक खाद भेजने की तैयारी कराई। केंद्र सरकार ने राहुल को अमेठी में ही घेरने की रणनीति के तहत गौरीगंज रेलवे स्टेशन को उर्वरक रैक प्वाइंट बना दिया है। 26 मई को स्मृति ईरानी के अमेठी आगमन के एक दिन पहले हर हाल में यूरिया से लदी एक मालगाड़ी गौरीगंज पहुंचाने की तैयारी है।
कृषि निदेशक आदेश कुमार विश्नोई ने राज्य विपणन प्रबंधक इफको को पत्र लिखकर कहा है कि डीएम अमेठी की मांग पर भारत सरकार द्वारा गौरीगंज उर्वरक रैक प्वाइंट को उर्वरक आपूर्ति के लिए चालू कर दिया गया है। अत: गौरीगंज रैक प्वाइंट पर यूरिया की एक रैक 25 मई को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इससे जिले के तीन लाख से अधिक किसानों को सीधा लाभ होगा।
खरीफ में किसानों को यूरिया 22 हजार एमटी, डीएपी 11 हजार एमटी और पोटाश छह हजार एमटी की आवश्यकता होती है। आंकड़ों पर गौर करें तो मांग के सापेक्ष पिछले चार साल में जिले को मात्र 60 फीसद खाद ही मिल पाई जिसमें 43 प्रतिशत सुलतानपुर से व 11 प्रतिशत रायबरेली के रैक प्वाइंट से अमेठी को मिलती थी। भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि स्मृति ने जो वादा किसानों से किया उसे पूरा कर दिया है। अब जिले के किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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