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सीमावर्ती क्षेत्रों में अनिवार्य हो सकती है एनसीसी

सरकार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के जरिए देश में सीमित तौर पर सैन्य शिक्षा को अनिवार्य बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। लेकिन यह बुनियादी ढांचे की पर्याप्त उपलब्धता पर निर्भर करेगा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 10:24 AM (IST)
सीमावर्ती क्षेत्रों में अनिवार्य हो सकती है एनसीसी

नई दिल्ली। सरकार राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के जरिए देश में सीमित तौर पर सैन्य शिक्षा को अनिवार्य बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। लेकिन यह बुनियादी ढांचे की पर्याप्त उपलब्धता पर निर्भर करेगा। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि पिछले दिनों सरकार ने कहा था कि सैन्य शिक्षा को अनिवार्य बनाने के बारे में विचार किया जा रहा है।

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सरकार ने एक कमेटी भी गठित की है, जिसके माध्यम एनसीसी में नामांकन बढ़ाने के बारे में सोचा जा रहा है। हालांकि रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं इतना ही कह सकता हूं कि दो महीने में सोच-विचार के बाद सीमावर्ती राज्यों में एनसीसी को अनिवार्य बनाने के बारे में फैसला ले लिया जाएगा। जहां से सेना में भर्ती अधिक होती है, उन इलाकों पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा। लेकिन यह पूरी तरह से आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।’

हालांकि इससे पहले पूरे देश में एनसीसी को स्कूल व कालेजों में अनिवार्य बनाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी ऐसा कोई विचार नहीं है। लेकिन सरकार इसकी मौजूदा क्षमता में दो लाख कैडेट की वृद्धि कर इसे 15 लाख करना चाहती है। यह काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में फौज में भर्ती होने वालों में एनसीसी कैडेटों की हिस्सेदारी 10 से 12 फीसद की है। उन्होंने कहा कि एनसीसी में लड़कियों की हिस्सेदारी 26 फीसद है।


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