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दिल्ली में सरकार गठन पर सभी दलों से वार्ता करेंगे जंग

दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग जल्‍द ही राज्‍य में सरकार गठन पर सभी पार्टी नेताओं से बातचीत करेंगे। उपराज्‍यपाल जंग के कार्यालय ने एक बयान

By anand rajEdited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 09:53 PM (IST)
दिल्ली में सरकार गठन पर सभी दलों से वार्ता करेंगे जंग

नई दिल्ली। दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग जल्‍द ही राज्‍य में सरकार गठन पर सभी पार्टी नेताओं से बातचीत करेंगे। उपराज्‍यपाल जंग के कार्यालय ने एक बयान यह जानकारी दी।

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सूञों के अनुसार उपराज्यपाल नजीब जंग दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का औपचारिक निमंत्रण भेजने वाले हैं। भाजपा ने अब तक सरकार बनाने से पूरी तरह इन्कार नहीं किया है। ऐसे में सरकार के गठन की संभावनाएं बरकरार हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराना ही एकमात्र विकल्प बचेगा।

सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को इस मामले में होने वाली सुनवाई के मद्देनजर यह तय है कि चाहे सरकार बने या चुनाव हो लेकिन फैसला बुधवार शाम तक हो जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी अपना रुख उपराज्यपाल से निमंत्रण मिलने के बाद साफ करेगी। मतलब साफ है कि उन्होंने न तो सरकार बनने की संभावना से इन्कार किया और न ही चुनाव से। सरकार बनाने की मुहिम में जुटे नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से कहा है कि अल्पमत की सरकार को शपथ दिला दी जाए, वे सदन में बहुमत साबित कर देंगे। दूसरी ओर आला नेता चाहते हैं कि शपथ ग्रहण से पहले यह तय हो जाना चाहिए कि सरकार को कौन से विधायक समर्थन देंगे।

सावधानी बरत रहा शीर्ष नेतृत्व

बताते हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बहुमत साबित करने के मामले में सदन में किसी प्रकार की छीछालेदार नहीं कराना चाहता। यदि पार्टी के पास बहुमत नहीं हुआ तो वह उपराज्यपाल के न्योते को ठुकरा देगी ताकि राजधानी में नए सिरे से चुनाव हो सकें। उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि सही बात तो यह है कि दिल्ली पर निर्णय मंगलवार की रात में ही हो जाएगा। हरियाणा में सरकार के गठन के बाद महाराष्ट्र का मामला भी सुलझ जाने के बाद भाजपा के तमाम शीर्ष नेता मंगलवार रात को दिल्ली में थे। ऐसे में बुधवार सुबह तक तस्वीर पूरी तरह साफ होने की उम्मीद है। सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व के सामने भी भारी दुविधा है। एक ओर चुनाव जीतकर आए 29 विधायक हैं। ये विधायक खुलकर भले नहीं बोलें लेकिन ज्यादातर चाहते हैं कि इतनी जल्दी चुनाव नहीं हों। दूसरी ओर बहुमत साबित करने की चुनौती है। पार्टी कोई भी काम ठोक-बजा कर करना चाहती है। शायद इसीलिए सरकार बनाने की वकालत करने वालों के सामने बहुमत जुटाने का विकल्प भी रखा गया है। यदि उन्होंने बुधवार तक ऐसा कर दिया तो सरकार बनेगी अथवा दिल्ली में विधानसभा चुनाव होंगे ही होंगे।
विपक्षियों के निशाने पर आए उपराज्यपाल
सूबे में सरकार बनाने के लिए दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को निमंत्रित करने की सिफारिश को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं। दूसरी ओर भाजपा पर भी चुनाव से भागने का आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि वह चुनाव मैदान में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही, इसीलिए जोड़तोड़ की सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भाजपा को दिल्ली में चुनाव जीतने का भरोसा नहीं है। इसीलिए वह चुनाव कराने में देरी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भाजपा के पास बहुमत होता तो वह पहले ही सरकार बना सकती थी। उन्होंने उपराज्यपाल नजीब जंग पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बड़ा ही दु:खद है कि वह संविधान की रक्षा करने के बदले एक खास पार्टी की सहायता कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि भाजपा दिल्ली में विधानसभा का चुनाव कराने में जानबूझकर कर देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से कहती आ रही है कि सूबे में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं है, लिहाजा यहां विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने उपराज्यपाल द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित करने के फैसले के औचित्य पर भी सवाल उठाया। उन्होंने भी केजरीवाल की तरह ही कहा कि यदि भाजपा के पास बहुमत होता, तो वह बहुत पहले सरकार बना चुकी होती।

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