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सेना नहीं, नवाज ही तय कर रहे भारत से रिश्ते: अब्दुल बासित

बासित का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना भारत से संबंधों को आगे बढ़ाने के किसी भी कदम में अवरोध पैदा करती है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 09:19 PM (IST)
सेना नहीं, नवाज ही तय कर रहे भारत से रिश्ते: अब्दुल बासित
सेना नहीं, नवाज ही तय कर रहे भारत से रिश्ते: अब्दुल बासित

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के साथ संबंधों को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ही तय कर रहे हैं। यह कहना है भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित का। उन्होंने इस मामले में अपने देश की सेना के हस्तक्षेप करने संबंधी धारणाओं का खारिज किया है। साथ ही कहा है कि भारत-पाक संबंधों का स्वरूप एक कदम आगे और दो कदम पीछे जैसा है।

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एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय साझेदारी से बच नहीं सकते। वे हमेशा शत्रुता के साथ नहीं रह सकते। बातचीत नहीं करना या संबंध सामान्य नहीं रखना अस्वभाविक है। देर-सबेर दोनों देशों को बातचीत करना ही होगा। उन्होंने कहा, हमारी सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से है। साथ ही हमारे लोकतंत्र की जड़ें पिछले आठ-नौ साल में गहरी हुई है। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे चुने हुए प्रधानमंत्री नीति बनाने के मामले में ड्राइविंग सीट पर बैठे हैं।

बासित का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना भारत से संबंधों को आगे बढ़ाने के किसी भी कदम में अवरोध पैदा करती है। पाकिस्तान के आतंकी समूहों द्वारा भारत में सिलसिलेवार हमलों के कारण इस समय संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं। सेना का बचाव करते हुए बासित ने कहा, भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों में आप सभी पक्षों से जानकारी लेते हैं। ऐसा ही हम पाकिस्तान में भी करते हैं। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। भारत के साथ हमारे रिश्ते हमारी विदेश नीति का महत्वपूर्ण भाग हैं, इसलिए यदि हमारी सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी ली जाती है तो कुछ भी असामान्य नहीं है।

2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद संबंधों की अच्छी शुरुआत के बाद अवरोध पैदा होने को लेकर उन्होंने कहा, भारत के दृष्टिकोण से निश्चित रूप से पठानकोट एक घटना थी। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2015 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा के दौरान व्यापक द्विपक्षीय संवाद की घोषणा पिछले तीन साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। लेकिन, पठानकोट की घटना के बाद भारतीय विदेश सचिव की यात्रा रद कर दी गई।

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