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नौसेना में 29 साल की सेवा के बाद रूसी गश्ती विमान विदा

रूस निर्मित विमानों को चेन्नई से 90 किमी दूर नौसेना के स्टेशन आइएनएस रजली पर विदाई दी गई।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 05:47 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 07:07 PM (IST)
नौसेना में 29 साल की सेवा के बाद रूसी गश्ती विमान विदा
नौसेना में 29 साल की सेवा के बाद रूसी गश्ती विमान विदा

अरकोनम (तमिलनाडु), प्रेट्र। भारतीय नौसेना के गश्ती विमान टीयू 142एम को 29 साल की सेवा के बाद बुधवार को विदा कर दिया गया। श्रीलंका में शांति अभियान में इन विमानों की अहम भूमिका रही। रूसी विमानों की जगह अब अमेरिकी गश्ती विमान लेने जा रहे हैं।

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रूस निर्मित विमानों को चेन्नई से 90 किमी दूर नौसेना के स्टेशन आइएनएस रजली पर विदाई दी गई। इस मौके पर चीफ एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे। तुपोलेव-142एम बेड़े की जगह बोइंग के 12 पी-81 समुद्री गश्ती विमानों की तैनाती की जा रही है। ये नए विमान एंटी शिप मिसाइलों हार्पून और हल्के टारपीडो के अलावा नई पीढ़ी के सेंसर और रडार से लैस हैं।

रूस से खरीदे गए टीयू 142एम विमानों को 1998 में नौसेना में शामिल किया गया था। इसके बाद इन्हें 1992 में आइएनएस रजली पर तैनात कर दिया गया। इन विमानों ने कई सैन्य अभ्यासों और अभियानों में हिस्सा लिया। एडमिरल लांबा ने कहा कि इस विमान ने 1980 के दशक में श्रीलंका में भारतीय शांति अभियान में अहम भूमिका निभाई। टीयू 142एम गर्व का प्रतीक है।

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