मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रति जागरुकता के लिए देश भर में अभियान
मुस्लिम पर्सनल लॉ के बारे में फैल रहे भ्रम को दूर करने और इसके वास्तविकता के प्रति लोगों को जागरुक बनाने के लिए आज से एक अभियान की शुरुआत की जा रही है।
जयपुर (ब्यूरो)। मुसलमानों में तीन तलाक, विवाह, संपत्ति के बंटवारे आदि को लेकर होने वाले विवादों के बारे में मुस्लिम पर्सनल लॉ क्या कहता है, इसकी जानकारी आम मुसलमान को देने के लिए जमाअते इस्लामी हिंद की ओर से रविवार से देशभर में ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ बेदारी’ मुहिम चलाई जाएगी।
जमाअत के प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर खुर्शीद हुसैन ने बताया कि अभियान का उद्देश्य मुसलमानों को अपने पारिवारिक कानूनों से भली-भांति अवगत कराना है ताकि वे उनके अनुसार अपने घरेलू मामलों को हल करें और अपने जीवन को शरिअत के अनुरूप बनाने का प्रयास करें। इसके अलावा इस अभियान के जरिए मुस्लिम पर्सनल लॉ के बारे में फैल रहे भ्रम को भी दूर किया जाएगा।
प्रदेश महासचिव मोहम्मद नाजिमुद्दीन ने बताया कि इस समय मुस्लिम समाज के बहुत से लोग मुस्लिम पर्सनल लॉ से अनभिज्ञ हैं। इस कारण एक समय में तीन तलाक, बेटियों को विरासत में हिस्सा न देना, महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखना आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और इस्लाम विरोधी शक्तियां इसका लाभ उठाकर इस्लाम और उसके पर्सनल लॉ की न्यायसंगतता पर सवाल ख़़डे कर रही हैं। इस पर रोक लगाने या परिवर्तन करने की मांगें भी उठ रही हैं। नाजिमुद्दीन ने बताया कि अभियान के दौरान पूरे पखवा़ड़े, जमाअत की अधिकांश इकाइयों में नुक्कड़ सभाएं, आम सभाएं, बड़े शहरों में महिलाओं की आम सभाएं, विचार गोष्ठियां आदि आयोजित की जाएंगी। जयपुर में एक सिम्पोजियम 'लैंगिक न्याय एवं पारिवारिक कानून' पर आयोजित किया जाएगा।
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