बदमाशों को गोली मारकर राष्ट्रीय स्तर की शूटर ने जीजा को बचाया
जॉइंट कमिश्नर रवींद्र यादव का कहना है कि जांच की जा रही है कि आयशा ने आत्मरक्षा या आसिफ को बचाने के लिए गोली चलाई। अगर ऐसा है तो उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की जानी-मानी राष्ट्रीय स्तर की शूटर आयशा फलक ने अपने अपहृत रिश्तेदार को बदमाशों के चंगुल छुड़ाया है। इस दौरान उन्हें गोली भी चलानी पड़ी जो बदमाशों को लगी है। जिस रिश्तेदार आसिफ को उन्होंने बदमाशों के चंगुल से छुड़ाया है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता है।
जानकारी के मुताबिक, फिरौती की कॉल मिलने के बाद आयशा ने उस बंदूक का इस्तेमाल किया, जिसे वह अपने पर्स में रखा करती थीं। हालांकि वह बहुत घबराई हुई थीं, लेकिन बदमाशोें के सामने अपना हौसला दिखाते हुए आखिरकार अपने भाई आसिफ को छुड़ा ही लिया। यह घटना बृहस्पतिवार रात की है।
आयशा के छोटे भाई अासिफ के भाई का अपहरण कुछ दिन पहले हुआ था। बृहस्पतिवार की रात में अपहरणकर्ता ने बातचीत कर तय स्थान-समय पर रकम पहुंचाने की बात हुई थी।
तय समय के अनुसार, जब आयशा पैसे लेकर कार के पास पहुंचीं तो अंदर बैठे दो बदमाशों ने फिरौती की रकम लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाए और रकम ले ली। आधे घंटे तक दोनों बदमाश मोहम्मद रफी और आकाश कार चलाते रहे। इसी में आयशा का भाई आसिफ कैद था। इस दौरान कार रुकी और इंडिका का दरवाजा खुलते ही एक युवक बाहर निकला, दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे की तरफ देखा और युवा बंधक को बदमाशों ने मुक्त कर दिया।
कार रुकने के कुछ ही पलों बाद अचानक तड़ातड़ फायरिंग शुरू हो गई। 33 वर्षीय आयशा फलक के हाथों में .32 बोर पिस्तौल थी। हालांकि, आयशा के हाथ कांप रहे थे। बावजूद इसके आयशा ने एक बदमाश की कमर पर गोली मारी तो दूसरे के पैर में। इसके बाद अपने भाई को छुड़ा लिया।
आयशा के पति फलक शेर आलम के मुताबिक, फिरौती का कॉल आने के बाद आयशा डरी हुई थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि वही आसिफ के किडनैपर्स को पैसे देने जाएंगी।
वहीं, आयशा का कहना है कि मुझे पुरुषों पर फायरिंग करते देख आसिफ हैरान था, वह तुरंत मेरे पास भागता हुआ आया। वह डर के मारे कांप रहा था और मैं भी।आयशा और उनके पति की कार को पुलिस फॉलो कर रही थी। पुलिस ने आयशा की गोली से घायल हुए आरोपियों को पकड़ लिया और आयशा की पिस्तौल पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है।
पूर्वी रेंज के जॉइंट कमिश्नर रवींद्र यादव का कहना है कि जांच की जा रही है कि आयशा ने आत्मरक्षा या आसिफ को बचाने के लिए गोली चलाई। अगर ऐसा साबित हो जाता है तो उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी।