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सरहद पर जवानों की अावाज पहचानते हैं राष्ट्रीय पक्षी

सरहद पर चौकियों पर मोरों को पालने वाले जवानों ने मोरों को भी मानों ट्रेनिंग दे दी है। जवान विशेष आवाज में बोलते हैं तो पारिवारिक सदस्य की तरह मोर चले आते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 29 May 2016 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 09:35 PM (IST)
सरहद पर जवानों की अावाज पहचानते हैं राष्ट्रीय पक्षी

जागरण संवाददाता, जयपुर। थार के रेगिस्तान में सीमा की सुरक्षा कर रहे बीएसएफ के जवानों ने पानी का प्रबंधन कर राष्ट्रीय पक्षी मोर को नवजीवन दिया है। करीब 200 मोर विभिन्न चौकियों पर हैं। जवानों ने मुनाबाव, तामलोर, गडरारोड, मिठडाऊ, देवा, बीकेडी, केलनोर, स्वरूपे का तला, हुर्रो का तला पोस्ट पर मोरों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की हुई है।

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इनके लिए चुग्गे, छाया और पानी का प्रबंध किया गया है। इस कारण मोर इन चौकियों में बहुतायत में पाए जा रहे हैं। मोरों को पालने वाले जवानों ने मोरों को भी मानों ट्रेनिंग दे दी है। पालने वाले जवान विशेष आवाज में बोलते हैं तो पारिवारिक सदस्य की तरह मोर चले आते हैं।

ये मोरों को हाथ से भी दाना दे रहे हैं और वे बिना किसी भय के इसे चुग लेते हैं। रेगिस्तान में जहां दूर-दूर तक जवानों के लिए पक्षियों की चहचहाट सुनना मुश्किल हो रहा था, वहां ये मोर उनके आस-पास पहुंचकर पंख फैलाकर नाचते हैं तो बीएसएफ के अधिकारी और जवानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता।

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