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शुभ मुहुर्त में जया को शपथ दिलाने के लिए राष्ट्रगान बीच में रोका

आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार तमिलनाडु की कमान संभाली। एक भव्य समारोह में राज्यपाल के. रोसैया ने 67 वर्षीय जयललिता को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने ईश्वर के नाम पर शपथ

By Murari sharanEdited By: Published: Sat, 23 May 2015 05:09 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 08:02 AM (IST)
शुभ मुहुर्त में जया को शपथ दिलाने के लिए राष्ट्रगान बीच में रोका

चेन्नई। आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद अन्नाद्रमुक महासचिव जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार तमिलनाडु की कमान संभाली। एक भव्य समारोह में राज्यपाल के. रोसैया ने 67 वर्षीय जयललिता को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रगान के अपमान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

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कहा जा रहा है कि शुभ मुहूर्त में जया को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए राष्ट्रगान को छोटा करके बजाया गया। मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार में जया के शपथ से पहले राष्ट्रगान और इसके बाद तमिलनाडु का राज्यगान बजाने की घोषणा की गई। लेकिन कार्यक्रम में मौजूद लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब राष्ट्रगान की सिर्फ पहली और आखिरी पंक्ति ही बजाई गई। इसके बाद तमिलनाडु का राज्यगान बजाया गया। फिर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण का दौर चला। और आखिर में संपूर्ण राष्ट्रगान बजाया गया।

जयललिता के साथ 28 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। मंत्रियों को 14-14 के समूह में शपथ दिलाई गई। इससे पहले जयललिता हरे रंग की साड़ी पहने सभागार पहुंचीं जहां तमिलनाडु के मुख्य सचिव ज्ञानदेसीकन ने उनका स्वागत किया। पूरा शपथ ग्रहण समारोह 30 मिनट से भी कम समय में सम्पन्न हो गया।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत और संगीतकार इलैयाराजा सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन और राष्ट्रीय पदाधिकारी एच राजा समेत कई भाजपा नेता मौजूद थे।

राज्यभर में जश्न का माहौल जया की सत्ता में वापसी के मौके पर राज्यभर में उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। लगभग आठ महीने पहले उनको भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा था। मद्रास विश्वविद्यालय शताब्दी सभागार जाने के रास्ते में दोनों ओर खड़े पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जयललिता का अभिवादन किया।

पन्नीरसेल्वम फिर नंबर-दो जयललिता के विश्वासपात्र ओ. पन्नीरसेलवम एक बार फिर नंबर-दो की हैसियत में होंगे। जयललिता की पिछली सरकार में भी उन्हें मुख्यमंत्री के बाद सबसे महत्वपूर्ण मंत्री माना जाता था। उनको एक बार फिर वित्त और लोक निर्माण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। बताते चलें कि जयललिता को दोषी ठहराए जाने के दो दिन बाद पन्नीरसेल्वम ने पिछले साल 29 सितंबर को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले वर्ष 2001 में लगभग इसी तरह की परिस्थितियों में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था, जब तांसी मामले में दोषी ठहराए जाने पर जयललिता को इस्तीफा देना पड़ा था। उस बार वे छह महीने के लिए सीएम रहे थे। इस बार उनका कार्यकाल करीब आठ माह का रहा।

भाजपा की चुप्पी पर सवालकांग्रेस ने जयललिता मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर भाजपा से सवाल किया है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि जो लोग कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए कह रहे हैं, मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता वे लोग ही हैं। मैं जानना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मामले में क्या कहना है? अरुण जेटली का क्या कहना है? और निसंदेह सुब्रह्माण्यम स्वामी तो भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं ही।

पढ़ें: पांचवी बार तमिलनाडु की सीएम बनीं जयललिता


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