नैनो के लोन पर सदन से अदालत तक हंगामा
गुजरात में लखटकिया कार नैनो आगमन से लेकर आज तक विवादों से घिरी रही है। टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री जब मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की मुलाकात के दौरान ही विपक्ष ने टाटा को दिए गए करोड़ के वित्तीय लाभ पर सवाल उठाते हुए सरकार व टाटा के बीच हुए करार को सार्वजनिक करने की मांग रख दी लेकिन सरकार ने इसे गोपनीय दस्तावेज बताते हुए इससे इन्कार किया है।
अहमदाबाद। गुजरात में लखटकिया कार नैनो आगमन से लेकर आज तक विवादों से घिरी रही है। टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री जब मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की मुलाकात के दौरान ही विपक्ष ने टाटा को दिए गए करोड़ के वित्तीय लाभ पर सवाल उठाते हुए सरकार व टाटा के बीच हुए करार को सार्वजनिक करने की मांग रख दी लेकिन सरकार ने इसे गोपनीय दस्तावेज बताते हुए इससे इन्कार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात से जाने के बाद अब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर नित नए हमले कर रहा है। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को मासिक 3 रुपये देने का मामला हो अथवा सरकारी अस्पताल में कुपोषित बालकों के पोषण के लिए 1 रुपया 88 पैसा रोजाना देने का मामला, कांग्रेस किसी भी मुद्दे पर सरकार को घेरने से नहीं चूक रहा है। नेता विपक्ष शंकर सिंह वाघेला ने टाटा मोटर्स को एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय की 11 सौ एकड़ जमीन व हजारों करोड़ के साफ्ट लोन पर भी सवाल उठाया है। वाघेला ने कहा है कि जब नैनो का उत्पादन बंद हो गया पिफर भी कंपनी को लोन व करों में छूट किस आधार पर दी जा रही है। जबकि अप्रेल 2014 में गुजरात हाईकोर्ट ने टाटा को दिए लोन व कर राहतों को सरकार की उद्योग नीति के हिसाब से वाजिब ठहराया था। टाटा के खिलाफ दायर अर्जी जवाब में अदालत ने कहा था कि अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात सरकार ने कंपनी को कम राहत व लोन उपलब्ध कराया है।