नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति का फैसला जल्द
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि नालंदा विश्वविद्यालय के नए कुलपति के चयन के लिए विश्वविद्यालय इसी हफ्ते चयन समिति गठित कर लेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली।नालंदा विश्वविद्यालय को जल्दी ही अपना नया कुलपति मिल सकता है। पिछले दिनों इसके कुलाधिपति (चांसलर) के तौर पर विजय भाटकर की नियुक्ति के बाद अब सरकार इस पद के लिए भी किसी गैर-विवादित व्यक्ति की नियुक्ति चाहती है। इसका फैसला विश्वविद्यालय की ओर से गठित चयन समिति करेगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि नालंदा विश्वविद्यालय के नए कुलपति के चयन के लिए विश्वविद्यालय इसी हफ्ते चयन समिति गठित कर लेगा। यह समिति विश्वविद्यालय की संचालन समिति की बैठक में गठित की जाएगी। इस बैठक के दौरान कुलाधिपति विजय भाटकर भी पहली बार अपना संबोधन करेंगे। कुछ महीने पहले ही विश्वविद्यालय की संचालन समिति का भी दुबारा गठन हुआ है। पिछली सरकार के दौरान कई राजनीतिक लोगों को भी इसमें शामिल कर लिया गया था।
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विश्वविद्यालय लंबे समय से विवादों में रहा है। भारत रत्न और नोबल विजेता अमर्त्य सेन ने दो साल पहले कुलाधिपति का पद छोड़ते समय विश्वविद्यालय के काम-काज में राजनीतिक दखल का आरोप लगाया था। इसके बाद सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज येओ ने भी बीच में ही अपना पद छोड़ दिया था, क्योंकि उन्हें बताए बिना ही विश्वविद्यालय की संचालन समिति भंग कर दी गई थी। मगर पिछले दिनों कुलाधिपति के पद पर विजय भाटकर के तौर पर एक निर्विवाद व्यक्ति की नियुक्ति की गई थी। इसी तरह विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल को भी बीच में ही अपना पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद पंकज मोहन अभी कार्यकारी कुलपति के तौर पर विश्वविद्यालय का काम-काज देख रहे हैं।
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