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बुंदेलखण्ड में नल-जल योजना घोटाला

मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड के लोगो के प्यासे गलो को तर करने के लिए अमल मे लाई गई ग्रामीण नल-जल योजनाओ मे जमकर घोटाला हुआ है। इन योजनाओ मे घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते आम आदमी को पानी ही नसीब नही हो पाया है। यह खुलासा किसी विरोधी दल के नेता ने नही बल्कि सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने किया है।

By Edited By: Published: Wed, 13 Jun 2012 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2012 11:53 PM (IST)
बुंदेलखण्ड में नल-जल योजना घोटाला

भोपाल। मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड के लोगों के प्यासे गलों को तर करने के लिए अमल में लाई गई ग्रामीण नल-जल योजनाओं में जमकर घोटाला हुआ है। इन योजनाओं में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते आम आदमी को पानी ही नसीब नहीं हो पाया है। यह खुलासा किसी विरोधी दल के नेता ने नहीं बल्कि सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने किया है।

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बुंदेलखण्ड के विकास के लिए मंजूर किए गए विशेष पैकेज की राशि से इस क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में नल-जल योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया है। इन योजनाओं के लिए लगभग 100 करोड़ की सामग्री क्रय की गई है। इस खरीदी में बड़े पैमाने पर गफलत हुई है। इस गफलत की ग्रामीण विकास मंत्री भार्गव ने आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने की भी मांग की है।

भार्गव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक खत लिखा है, जिसमें कहा गया है कि बुंदेलखण्ड क्षेत्र में नल-जल योजना के लिए लघु उद्योग निगम के माध्यम से पांच हार्स पावर की मोटर व क्लोरीनेटर के अलावा पाईप खरीदे गए है। आलम यह है कि योजना में उपयोग की गई मोटर एक दिन में चार से पांच बार तक जली है। इस तरह की सैकड़ों शिकायतें उनके पास आई है। इतना ही नहीं पाईप लाइन के फटने व लीक होने की शिकायतें आम है।

भार्गव ने पत्र के माध्यम से कहा है कि गर्मी के मौसम में बुंदेलखण्ड में पेयजल की हालत दयनीय हो जाएगी, इतना ही नहीं विरोधी दल के विधायक इस समस्या को मुद्दा बना रहे है। एक तरफ पेयजल के लिए राशि की फिजूलखर्ची की गई है वही दूसरी ओर आम आदमी को पानी नहीं मिल पा रहा है। येाजनाओं के लिए बाजार दर से भी अधिक दर पर सामग्री का क्रय किया गया है।

भार्गव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि योजना के लिए खरीदी गई सामग्री में हुई गड़बड़ी के दस्तावेजी प्रमाण भी है। लिहाजा इस गड़बड़ी की ओडब्लयू के जरिए जांच कराई जाना चाहिए।

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