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दिल्ली में बढ़ सकती है जंग की मुसीबत

राष्ट्रपति शासन के दौरान सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति उपराज्यपाल नजीब जंग की मुसीबत बढ़ा सकती है। बाहरी दिल्ली इलाके में सोमवार को बदमाशों द्वारा दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद शहर की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

By anand rajEdited By: Published: Wed, 15 Oct 2014 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 12:33 PM (IST)
दिल्ली में बढ़ सकती है जंग की मुसीबत

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। राष्ट्रपति शासन के दौरान सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति उपराच्यपाल नजीब जंग की मुसीबत बढ़ा सकती है। बाहरी दिल्ली इलाके में सोमवार को बदमाशों द्वारा दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद शहर की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कहा यह जा रहा है कि जब बदमाश पुलिस वालों पर गोली चलाने से नहीं चूक रहे तो आम आदमी की सुरक्षा भला कैसे सुनिश्चित होगी। इस मुद्दे पर विपक्ष भाजपा को सियासी कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है।

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आपको बता दें कि शहर में पिछले आठ महीने से जारी राष्ट्रपति शासन को लेकर पहले ही ऐसा कहा जा रहा है कि इस दरम्यान शहर में विकास की गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं। नई परियोजनाओं को शुरू करने की कौन कहे, लंबित परियोजनाओं को पूरा करने का काम भी नहीं हो पा रहा। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को बार-बार उठाती रही हैं। खासकर केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर है। इसी प्रकार कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी भाजपा को विपक्ष के हमले झेलने पड़ रहे हैं।

जानकारों की मानें तो दिल्ली में शासन की स्थिति से नाराज प्रदेश भाजपा के नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर उपराज्यपाल जंग, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों तथा दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के तबादले की मांग की थी। माना जाता है कि भाजपा नेताओं के भारी दबाव के बाद ही दिल्ली के मुख्य सचिव पद से एसके श्रीवास्तव की छुट्टी की गई और दिल्ली पुलिस में भी बड़े पैमाने पर तबादले हुए। लेकिन इसके बाद भी दिल्ली की हालत में ज्यादा सुधार नहीं आया है।

सनद रहे कि राष्ट्रपति शासन लागू होने की वजह से दिल्ली में शासन की जिम्मेदारी केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की है और आने वाले दिनों में पार्टी चाहे सूबे में अपनी सरकार बनाए अथवा चुनाव मैदान में जाए, उसे विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों का जवाब देना होगा। यही वजह है कि भाजपा की ओर से उपराच्यपाल नजीब जंग को हटाने की पुरजोर मांग हो रही थी। हालांकि पिछले दिनों जंग ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किए जाने संबंधी पत्र राष्ट्रपति को भेजकर भाजपा में अपने आलोचकों की जुबान बंद कर दी थी लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि शहर में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति उनके लिए नए सिरे से मुसीबत खड़ी कर सकती है।

हकीकत में सुरक्षित हो राजधानी : राजनाथ सिंह

दिल्ली पुलिस पर अपराधियों का बढ़ता जानलेवा हमला, वारदातों में होने वाली वृद्धि और अवैध हथियारों के खुलेआम प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली के उपराच्यपाल नजीब जंग, दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी समेत गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

सूत्रों के मुताबिक, समीक्षा बैठक में पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी और उपराच्यपाल नजीब जंग ने सेफ सिटी परियोजना के मसौदे पर चर्चा शुरू की तो राजधानी में पुलिस वालों की हत्या को लेकर गृहमंत्री सिंह अपनी नाराजगी जताते हुए ढेर सारे सवाल कर डाले। उन्होंने कहा कि जब पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं हैं तो भला आम लोगों में सुरक्षा की भावना कहां से पैदा होगी? पुलिस वालों की हत्या और हाल में जोरबाग में दो समुदायों के बीच तनाव पर भी राजनाथ ने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस को इस तरह के वाकये की पूर्व जानकारी होती तो ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। पुलिस आयुक्त बस्सी ने अपनी सफाई देते हुए विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस के हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वारदात को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

गृहमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए यह भी पूछा कि भला दिल्ली जैसे शहर में कोई व्यक्ति अवैध हथियारों के साथ कैसे घूम रहा था? ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना चाहिए, ताकि अपराधी प्रवृत्ति के लोग राजधानी में घुसने से पहले डरें। पुलिस आयुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया कि राजधानी पूरी तरह सुरक्षित है।

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